Ranchi: इरबा स्थित निजी बीएड कॉलेज हमसमी शाइन अब्दुर रजाक अंसारी इंस्टीट्युट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के स्टूडेंट्स ने रांची विवि के कुलपति से मुलाकात की. दरअसल, कॉलेज प्रबंधन ने फीस बढ़ोतरी का हवाला देते हुए इन छात्र-छात्राओं को परीक्षा फॉर्म भरने से रोक दिया है. छात्रों का कहना है कि दो साल के बीएड कोर्स के नामांकन के वक्त उन्हें एक लाख 60 हजार रुपये फीस भरने को कहा गया था. लेकिन अब उनसे एक लाख 88 हजार से एक लाख 98 हजार रुपये तक डिमांड किया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि फीस भरने के दौरान उन्हें कभी भी पक्का बिल नहीं दिया जाता. एक रसीद दी जाती है जिसमें कैशियर का हस्ताक्षर और कॉलेज का मुहर तक नहीं होता. यही नहीं कॉलेज प्रबंधन ने फीस क्यों बढ़ाया इसकी जानकारी भी नहीं दी जा रही है.
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कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने क्या कहा
इस कॉलेज में पढ़ने वाले दीपक राणा ने कहा कि हम अपनी समस्या को लेकर अभी एग्जामिनेशन कंट्रोलर के पास गए थे. उन्होंने अच्छी तरह हमारी समस्या सुनी. उसके बाद हमारे कॉलेज के पदाधिकारी को फोन कर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की समस्या तुरंत समाधान करें. पैसा बढ़ाकर नहीं लेना है, और उन्होंने यह भी कहा कि 29 जून तक परीक्षा फॉर्म भरने की लास्ट डेट है, अगर इन लोगों को लेट फाइन लगता है तो फाइन छात्र-छात्रा नहीं बल्कि कॉलेज से लिया जाएगा.
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इसी कॉलेज की छात्रा पल्लवी पांडेय ने कहा कि जब हमने एडमिशन लिया था तो ट्यूशन फीस 75000 और मिसलेनियस चार्जेस 5000 रुपये थे. कॉलेज प्रबंधन ने बिना कारण फीस बढ़ा दिया गया है. जिसकी शिकायत करने हम कुलपति सर के पास आए हैं. आगे उन्होंने यह भी कहा कि हम जब फीस भरते हैं उसके बदले हमें जो रसीद दिया जाता है वह कच्चा होता है, आधिकारिक नहीं होता. केवल लिखा हुआ होता है कि बीएड फीस कंप्लीटेड अगर कल के दिन कॉलेज यह बोले कि हमने फीस नहीं भरा है तो हमारे पास ऐसा कोई सबूत नहीं होगा कि हमने फीस जमा की है.