Ramgarh : विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर शुक्रवार को डीसी माधवी मिश्रा की अध्यक्षता में छत्तरमांडू स्थित टाउन हॉल भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान डीसी सहित अन्य अतिथियों का पौधा देकर स्वागत किया गया. इसके बाद अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
कार्यक्रम के दौरान डीसी माधवी मिश्रा ने जिलेवासियों एवं टाउन हॉल में उपस्थित सभी को विश्व यक्ष्मा दिवस की शुभकामनाएं दी. मौके पर उन्होंने टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से एजेंसियों, स्वास्थ्य विभाग की टीम, अधिकारियों एवं कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि आपके द्वारा अब तक रामगढ़ जिले को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से जो भी कार्य किए गए हैं, वह सच में सराहनीय है. लेकिन अभी हमें और भी कार्य करना है. 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप सभी अपना महत्वपूर्ण योगदान इसमें जरूर दें. मौके पर डीसी ने टीबी रोग को पहचानने एवं इससे जुड़ी विभिन्न भ्रांतियों के संबंध में सभी को विस्तार से जानकारी देते हुए रोग के उपचार का व्यापक प्रचार-प्रसार करने, रोग के लक्षण को पहचानने एवं इसमें सभी कार्यालयों, निजी संस्थानों, अस्पतालों, एजेंसियों आदि के महत्व की सभी को जानकारी दी.
कार्यक्रम के दौरान डीसी माधवी मिश्रा ने सिविल सर्जन रामगढ़ डॉ. प्रभात कुमार के द्वारा टीबी मरीजों को गोद लेने की सराहना करते हुए स्वयं भी 5 मरीजों को गोद लेने एवं उनके इलाज के दौरान पोषण फूड बास्केट उपलब्ध कराने की घोषणा की. डीसी ने देश से टीबी रोग को खत्म करने के उद्देश्य से सभी सक्षम लोगों से अपने सामर्थ्य के अनुसार मरीजों को गोद लेने एवं जो भी मदद हो वे मरीजों को पहुंचा सकते हैं, उस दिशा में कार्य करने की अपील की.
कार्यक्रम के दौरान डीसी ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल में टीबी रोग का सबसे बेहतर इलाज संभव है, क्योंकि किसी मरीज के टीबी से ग्रस्त होने के उपरांत ना केवल मरीज को नि:शुल्क दवाइयां/जांच उपलब्ध कराई जाती है, बल्कि महीने का ₹500 भी उपलब्ध कराया जाता है. वहीं अगर सही समय पर रोग की पहचान कर ली जाए और ससमय दवाइयां ली जाए तो 6 महीने के अंदर यह रोग ठीक भी हो जाता है. उपायुक्त ने सभी से टीबी रोग को पहचानने एवं इसके उपचार के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार करने की अपील की.
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