Ranchi : कपड़ा पर जीएसटी की दरों में वृद्धि के मुद्दे पर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आग्रह पर केंद्रीय वाणिज्य एवं वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को झारखंड समेत देश के सभी राज्यों के प्रमुख कपड़ा संगठनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की. उनके विचार जाने. कैट के सदस्यों ने जीएसटी काउंसिल द्वारा कपड़ा पर जीएसटी वृद्धि को स्थगित कराये जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पीयूष गोयल को धन्यवाद दिया. साथ ही आग्रह किया कि यह वृद्धि फिलहाल स्थगित की गयी है, किंतु अभी भी कपड़ा एवं संबंधित अन्य अनेक व्यापारों पर खतरा टला नहीं है. कपड़ा व्यापार की जमीनी हकीकत के मद्देनजर इसे पूरी तरह वापस लिया जाना जरूरी है.
निर्मला सीतारमण से बातचीत करने का आग्रह
कैट ने पीयूष गोयल से इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बातचीत करने का आग्रह भी किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वस्त्र राज्यमंत्री दर्शना जरदोष, सचिव उपेंद्र सिंह सहित वाणिज्य मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. इसमें झारखंड समेत देश के सभी राज्यों के 250 से अधिक कपड़ा संगठनों के व्यापारी नेताओं ने भाग लिया.
ई कॉमर्स कंपनियों पर नकेल कसे सरकार : प्रवीण
झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा लगातार अपनी मनमानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यदि इन कंपनियों को तुरंत नियम एवं क़ानून का पालन करने के लिए बाध्य नहीं किया गया, तो इन कंपनियों को ईस्ट इंडिया कंपनी बनने में देर नहीं लगेगी और भारत का व्यापार धीरे-धीरे उनके कब्जे में होगा.
व्यापारी एवं किसान भारत की प्रगति का अहम हिस्सा
पीयूष गोयल ने व्यापारी नेताओं को संबोधित करते हुए देश के व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में व्यापारियों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि व्यापारी एवं किसान भारत की प्रगति का एक अहम हिस्सा हैं और मोदी सरकार व्यापारियों को देश में बेहतर व्यापारिक वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यापारियों के विषय में स्वयं रुचि लेते हैं, क्योंकि वो देश के व्यापार को भलीभांति समझते हैं.
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व्यापारियों के दृष्टिकोण को समझने का निर्देश
कपड़े पर जीएसटी की बढ़ी दर को वापस लेने की कैट की मांग पर उन्होंने कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों को कैट के साथ बातचीत करने और व्यापारियों के दृष्टिकोण को समझने का निर्देश दिया. यह भी कहा कि कपड़ा मंत्रालय शीघ्र ही जीएसटी फिटमेंट कमेटी और बोम्मई कमेटी के साथ कैट की सार्थक बैठक कराने में सहायता प्रदान करेगा, जिससे व्यापारियों की चिंताओं और उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों को समझा जा सके.
85 प्रतिशत जनता पर बोझ पड़ेगा
वहीं प्रमुख व्यापारी नेताओं ने कहा कि देश में जीएसटी लागू होने से पहले कपड़ा पर कोई बिक्री कर अथवा वैट लागू नहीं था, क्योंकि कपड़े को रोटी और मकान की तरह बुनियादी वस्तु माना गया है. दिल्ली सहित देश भर में इस व्यापार के जरिये करोड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है. इस वृद्धि से जहां देश का कपड़ा व्यापार प्रभावित होगा, वहीँ दूसरी ओर देश की 85 प्रतिशत जनता जो एक हजार रुपये से कम के कपड़े खरीदती है, उन पर महंगाई का बड़ा बोझ पड़ेगा.
वीडियो कांफ्रेंसिंग में ये रहे उपस्थित
पूरे देश के व्यापारियों के साथ झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण लोहिया, अनिल जलान और रोहित पोद्दार, जमशेदपुर थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष स्वरूप गोलेछा, नवीन वर्णवाल, दीनदयाल अग्रवाल, अशोक सारस्वत और अशोक सराइवाला उपस्थित थे.
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