Saurav Singh
Ranchi : झारखंड में जहां एक ओर आईपीएस अधिकारियों के 157 स्वीकृत पदों में 104 अधिकारी ही हैं. वहीं दूसरी ओर डीएसपी से आईपीएस रैंक में प्रोन्नति मामला में सीएम ने एक माह पहले ही आदेश जारी किया था. आदेश के एक माह बीत जाने के बाद फाइल गृह विभाग से आगे नहीं बढ़ पायी है. झारखंड में राज्य पुलिस सेवा से आइपीएस रैंक में प्रोन्नत अधिकारियों के लिए कुल पद 45 हैं. वर्तमान में इनमें से 24 पद रिक्त हैं. इन पदों पर 2016 के बाद से अब तक प्रोन्नति नहीं हो सकी है. हर बार पुलिस मुख्यालय के स्तर पर स्वच्छता प्रमाण पत्र से संबंधित कवायद होती है, लेकिन यूपीएससी को अब तक इसकी रिपोर्ट नहीं भेजी जा सकी है.
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सरकार योग्य DSP की सूची पिछले पांच साल से नहीं भेज पा रही है
यूपीएससी से लगातार पत्राचार के बावजूद आइपीएस में प्रोन्नति के लिए झारखंड सरकार अपने योग्य डीएसपी की सूची पिछले पांच साल से नहीं भेज पा रही है. उत्तराखंड, हिमाचल व हरियाणा जैसे राज्य 2020 तक का बैकलाग भर चुके हैं, जबकि झारखंड में वर्ष 2016 के बाद 42 डीएसपी को योग्य रहते हुए भी उन्हें आइपीएस में प्रोन्नति नहीं मिली है. साल 2016 में सिर्फ एक ही डीएसपी आनंद प्रकाश को आइपीएस रैंक में प्रोन्नति मिली थी.
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42 डीएसपी आइपीएस रैंक में प्रोन्नति का इंतजार कर रहे हैं
सिर्फ पांच डीएसपी की सेवा संपुष्टि नहीं होने के वजह से बीते एक जनवरी 2019 से ही योग्य बैठे 42 डीएसपी आइपीएस रैंक में प्रोन्नति का इंतजार कर रहे हैं. इन पांच डीएसपी में विकास पांडेय, सादिक अनवर रिजवी, राधा प्रेम किशोर, मुकेश महतो व शिवेंद्र शामिल हैं. जिनकी सेवा संपुष्टि अब तक नहीं हो सकी है. इन्हीं के बैच के दो डीएसपी विजय आशीष कुजूर व अरविंद सिंह आइपीएस संवर्ग के लिए योग्य हैं. इनके अलावा दारोगा से स्पोर्ट्स कोटा से डीएसपी में प्रोन्नत सरोजिनी लकड़ा व एमेल्डा एक्का भी आइपीएस रैंक में प्रोन्नति का इंतजार कर रही हैं. इनके अलावा तृतीय जेपीएससी के 38 डीएसपी साढ़े ग्यारह साल की सेवा कर चुके हैं, जबकि डीएसपी से आइपीएस रैंक में प्रोन्नति के लिए डीएसपी संवर्ग में आठ साल की सेवा देना अनिवार्य है. इस तरह ये डीएसपी एक जनवरी 2019 से ही आइपीएस रैंक के लिए योग्य बने बैठे हैं.
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24 आईपीएस अधिकारियों के भी पद हैं खाली
झारखंड में प्रमोशन नहीं होने से 24 आईपीएस अधिकारियों के पद भी खाली हैं. साल 2017 में नौ, 2018 में चार और 2019 में पांच आईपीएस रिटायर हुए थे, वहीं साल 2020 में भी छह प्रमोटी आईपीएस अधिकारी रिटायर हुए थे, ये सभी पद अभी तक खाली हैं. इन पदों पर प्रमोशन का इंतजार कर रहे कई अफसर भी आईपीएस बनने की चाहत लिए ही रिटायर हो चुके हैं. जबकि इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही लिखा था कि साल 2017 से 19 तक की पेंडिंग सिलेक्शन लिस्ट प्राथमिकता के आधार पर बनाई जाये, ताकि पुलिस सेवा के अफसरों को प्रोन्नति दी जा सके.
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