Ranchi : कोयला माफिया अनूप माझी उर्फ लाला के अवैध कोयला धंधा को संरक्षण देने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. दरअसल झारखंड कुछ वरीय आइपीएस अधिकारी सीबीआइ जांच के दायरे में आ सकते हैं. गौरतलब है कि ईसीएल, सीआइएसएफ और रेलवे के कुछ कर्मचारियों की मदद से अवैध खनन का धंधा कर रहा था.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले की जांच कर रही सीबीआइ के हाथ ऐसे कई महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि झारखंड के कुछ वरीय आइपीएस अधिकारी भी इस जांच के दायरे में आ सकते हैं.
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झारखंड सहित चार राज्यों में छापेमारी कर चुकी है सीबीआइ
अवैध कोयला खनन और चोरी मामले में सीबीआइ की अपराध निरोधी शाखा एसीबी ने मंगलवार को कई जगहों पर छापेमारी की. ये छापेमारी इसीएल के दो महाप्रबंधकों समेत अन्य अधिकारियों के ठिकानों पर की गयी. तलाशी अभियान दुर्गापुर के काजोरा, पुरुलिया के नितुरिया, रानीगंज के कुनुस्तोरिया और आसनसोल में चलाया गया. जिसमें अहम दस्तावेज और नकदी बरामद किये जाने की बात सामने आयी है.
इससे पहले सीबीआइ ने बीते 28 नवंबर को पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश की 45 जगहों पर छापेमारी की थी.
सूत्रों के अनुसार छापेमारी में सीबीआइ ने महत्वपूर्ण दस्तावेज के साथ ही 50 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की है. मामले के प्रमुख आरोपी अनूप माझी उर्फ लाला के आवास से 20 लाख रुपये जब्त किये गये थे. इसके अलावा इसीएल कुनुस्तोरिया के क्षेत्रीय सुरक्षा निरीक्षक धनंजय राय के निवास स्थान से भी लगभग छह लाख रुपये जब्त किये गये थे.
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