Latehar : लातेहार जिले के बरवाडीह में सैकड़ों की संख्या में रसोइया दीदियों ने विरोध-प्रदर्शन किया. मध्याहन भोजन बनाने वाली ये महिलाएं रसोइया संघ के बैनर तले झारखंड सरकार की प्रस्तावित सेंट्रलाईज्ड किचन व्यवस्था का विरोध कर रही हैं. गौरतलब है कि सरकार की योजना सेंट्रलाइज्ड किचन के जरिये स्कूलों में मध्याहन भोजन उपलब्ध कराने की है. इसके संचालन की जिम्मेदारी इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंजेशन नाम की गैर सरकारी संस्था को दी गयी है.
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सेंट्रलाइज्ड किचन से 20 किमी के दायरे में मिल डे मील
झारखंड सरकार की मध्याहन भोजन (2020) कार्ययोजना के अनुसार, सेंट्रलाइज्ड किचन से अधिकतम 20 किमी की दूरी तक के दायरे में आने वाले स्कूलों में भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा सकती है. फिलहाल जमशेदपुर के 297 और सरायकेला-खरसावां जिला के 79 स्कूलों में सेंट्रलाइज्ड किचन के माध्यम से स्कूलों में मध्याहन भोजन की व्यवस्था की गयी है. इसे रांची, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम और हजारीबाग जिला में भी विस्तार करने का प्रस्ताव है.
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हजारों गरीब महिलाओं की रोजी छीन रही सरकार-संघ
विरोध कर रहे रसोइया संघ का आरोप है कि सेंट्रलाइज्ड किचन व्यवस्था उनके साथ धोखा है. सरकार मध्याहन भोजन योजना का निजीकरण कर स्कूलों में भोजन बनानेवाली गरीब-जरुरतमंद रसोइया दीदियों की रोजी-रोटी छीन लेने की साजिश कर रही है.
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31 मार्च तक मांग पूरी करने की दी चेतावनी
इस अवसर पर रसोइया संघ ने कई मांगें भी रखीं. इनमें झारखंड की न्यूनतम मजदूरी दर के अनुसार रसोइया का मानदेय कम से कम 10 हजार रुपये करने, रसोइया का स्थायीकरण कर कर्मचारी का दर्जा देने, साल में 10 महीना के बजाय पूरे 12 महीने का मानदेय देने और दुर्घटना बीमा की सुविधा देने की मांग मुख्यमंत्री से की गयी. रसोइया संघ ने चेतावनी दी है कि अगर 31 मार्च तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो संघ उग्र आंदोलन करेगा.
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