Ranchi : झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा गुरुवार को सातवीं से लेकर दसवीं जेपीएससी के रिजल्ट का प्रकाशन कर दिया गया है. रिजल्ट प्रकाशित करने के बाद जेपीएससी फिर एक बार विवादों में पड़ता दिखाई पड़ रहा है. जेपीएससी द्वारा जहां हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आनन-फानन में रिजल्ट निकाला गया है, वहीं रिजल्ट पर फिर से कई सवाल विद्यार्थियों ने खड़े कर दिए हैं.
ओएमआर सीट लेकर जेपीएससी के कार्यालय के बाहर विरोध करने पहुंचे
विद्यार्थियों ने जेपीएससी कार्यालय के बाहर पहुंच कर विरोध व्यक्त किया. कई विद्यार्थी तो ओएमआर सीट लेकर जेपीएससी के कार्यालय के बाहर विरोध करने पहुंच गए. विद्यार्थियों का कहना है कि पहली बार जब रिजल्ट प्रकाशित किया गया था, तब जिस विद्यार्थी का 260 नंबर था, वैसे विद्यार्थी को संशोधित रिजल्ट में फेल बता दिया गया है. कई एसटी- एससी छात्र हैं, जिनका कट ऑफ 232 है, लेकिन नई संशोधित सूची में उनका नाम नहीं है.
दोबारा न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी
जिसके कारण विद्यार्थी आक्रोशित हैं और दोबारा न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को एकजुट हो रहे हैं. इससे यहां अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार फिर संशोधित रिजल्ट जारी करने के बाद भी जेपीएससी विवादों के घेरे पर जाता दिखाई दे रहा है. वहीं शुक्रवार से राज्यभर में जेपीएससी द्वारा मेंस एग्जाम के लिए आवेदन लेना शुरू हो चुका है.
क्या कहते हैं जेपीएससी के विद्यार्थी
जेपीएससी के छात्र शशिकांत ने बताया कि परीक्षा का संशोधित रिजल्ट जारी किया गचा है. पहले जारी किए गए संशोधित रिजल्ट में जनरल का कट ऑफ अधिक था. तब मेरा अंक 260 था. उम्मीद यही थी कि संशोधित रिजल्ट में मेरा नाम काफी ऊपर होगा. लेकिन रिजल्ट में मेरा रोल नंबर नहीं है. मैं पिछले दो रातों से सोया नहीं हूं. जबकि जेनरल का कट ऑफ 246 है. अगर जेपीएससी द्वारा संशोधित रिजल्ट जारी नहीं किया गया तो न्यायालय की शरण में जाऊंगा.
चतरा से पहुंचे जेपीएससी के छात्र धीरज रोहित सांगा ने बताया – मैं एससी कैटेगरी का विद्यार्थी हूं. पिछली बार जब जेपीएससी का रिजल्ट प्रकाशित किया गया था, तब मेरा नाम भी उस सूची में शामिल था. मैंने मेंस के लिए भी आवेदन पूर्व में भरा था. लेकिन संशोधित रिजल्ट में मेरा रोल नंबर नहीं है. जबकि मैं एससी कोटे से आता हूं और एससी कोटे का कट ऑफ 232 है. मेरा अंक 232 हैं, पर मेरा रोल नंबर संशोधित रिजल्ट में नहीं है. यह बिल्कुल विद्यार्थियों को परेशान करने वाली बात है. जेपीएससी जैसे संस्थान लगातार विवादों के घेरे में अपने कार्यकलापों के कारण आता है. अगर संशोधित रिजल्ट जारी नहीं हुआ तो न्यायालय की शरण में जाऊंगा.
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