Ranchi : कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की ओर से हेसाग स्थित पशुपालन भवन में मंगलवार को राज्यस्तरीय रबी कार्यशाला का आयोजन किया गया. जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत 461 करोड़ रुपए का आवंटन हो चुका है. 29 दिसंबर तक लगभग 10 लाख किसानों के खाते में 3500 रुपया ट्रांसफर किए जाएंगे. इसके लिए 5.75 लाख किसान परिवार का डाटा उपायुक्त स्तर से अप्रूव हो चुका है.
योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचे – बादल
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री बादल ने कहा कि विषम परिस्थिति में हमने कई फैसले लिये. विभागीय समन्वय बनाने का लगातार प्रयास हो रहा है , जिससे कृषि क्षेत्र में कई सकारात्मक नतीजे सामने आयेंगे. स्मार्ट विलेज की कल्पना को साकार करने के लिए संबंधित सभी विभागों के साथ को-आर्डिनेशन बनाने की जरूरत है, ताकि योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंच सके. सरकार के प्रयास से राज्य की जीडीपी में 20% तक राज्य के किसानों का योगदान सुनिश्चित करना है.
प्रखंड स्तर पर करें कृषि कार्यशाला : कृषि सचिव
कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि कृषि सेक्टर को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता है, क्योंकि देश की जीडीपी में 20 प्रतिशत योगदान कृषि का है. विभाग का लक्ष्य है, खाद्य, आजीविका और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर राज्य के किसानों को स्वावलंबी बनाना. उन्होंने पदाधिकारियों को कहा कि किसानों को सहयोग दें और हर किसान लाखों रुपए कमाने में सक्षम हों. किसानों को तकनीकी मदद देने के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन करें.
ब्लॉकचेन के माध्यम से हो रहा बीज वितरण: निशा उरांव
कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि इस बार चुनौती काफी यूनिक है. 226 प्रखंड सुखाड़ की चपेट में थे, जिन्हें सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया गया. इसके लिए केंद्र सरकार से हमने 9000 करोड़ रुपए की मांग की है. इस बार हमने प्रत्येक प्रखंड के 10 गांव का स्थल निरीक्षण किया. साथ ही 5 गांव की जियो टैगिंग भी सुनिश्चित की गई. पिछले साल खरीफ की पैदावार 53 लाख मीट्रिक टन थी और कुल 28 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसल हुई थी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बीज वितरण में 90 फीसदी और 100 फीसदी अनुदान दे रही है, जबकि पिछले साल तक यह अनुदान 50% ही था. इस बार हमने 80 हजार क्विंटल बीज का वितरण किया है, जो कि एक रिकॉर्ड है. बीज वितरण के काम में एफपीओ को लगाया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. कई नए एफपीओ को लाइसेंस भी दिया गया है. कर्मशाला में पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा, विशेष सचिव प्रदीप हजारे ,भूमि संरक्षक निदेशक अजय कुमार सिंह, उपनिदेशक रसायन अनिल कुमार, उपनिदेशक मुकेश सिन्हा, फणींद्र नाथ त्रिपाठी सहित रांची प्रमंडल के सभी पदाधिकारी उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें – मुख्यमंत्री बुधवार को करेंगे राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव का उद्घाटन