Ranchi: दलगत आधार पर नगर निकायों का चुनाव खत्म कराने के सरकार के फैसले से मेयर आशा लकड़ा टेंशन में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उनके टेंशन को कम करने की कोशिश की. उन्होंने आशा लकड़ा से कहा कि उन्हें सरकार के फैसले से घबराने की जरूरत नहीं है. दुनिया की कोई ताकत उनका अधिकार नहीं छीन सकती. कोई एडवोकेट जेनरल का एडवाइज नहीं चलेगा. आपको संविधान ने अधिकार दिया है. बीजेपी प्रदेश महिला मोर्चा की कार्यसमिति की बैठक में रघुवर दास अपने संबोधन के दौरान मेयर को दिलासा दे रहे थे.
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दलगत निकाय चुनाव से सरकार हो जाएगी एक्सपोज
रघुवर दास ने कहा कि इस सरकार के 19 महीने के कार्यकाल से जनता नाखुश है. इन्हें पता है कि अगर नगर निकाय का चुनाव दलगत कराया तो ये एक्सपोज हो जाएंगे. इसलिए दलगत चुनाव से भाग रहे हैं. क्योंकि डर है कि चुनाव के नतीजे के बाद सरकार गिर जाएगी. रघुवर ने कहा कि उन्होंने पूरी एनक्वायरी कर ली है. संविधान के मुताबिक मेयर को ही नगर निगम की बैठक बुलाने और कार्ययोजना बनाने का अधिकार है. इसलिए संविधान का राज चलेगा न की एडवोकेट जेनरल का.
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महाधिवक्ता से नगर विकास विभाग ने मांगी थी राय
गौरतलब है कि हेमंत सरकार ने झारखंड नगरपालिका संशोधन विधेयक लाया है. इसके तहत अब नगर निकायों के मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष और उपाध्यक्षों का चुनाव दलगत आधार पर नहीं होगा. मेयर के अधिकारों में भी कटौती की गई है. साथ ही मेयर को हटाये जाने का भी प्रावधान किया गया है. रांची नगर निगम में मेयर और नगर आयुक्त के बढ़ते विवाद को देखकर नगर विकास विभाग ने महाधिवक्ता से निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के कार्यक्षेत्र और अधिकार पर मंतव्य मांगा था. इसपर महाधिक्ता ने कहा था कि पार्षदों की बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी और विशेष पदाधिकारी को है.