Ranchi : विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित किये जाने पर बीजेपी विधायक भारी विरोध कर रहे हैं. इसी के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास धरना पर बैठ गए हैं. रघुवर दास विधानसभा परिसर में धरना पर बैठे हैं.
विधानसभा में नमाज के लिए कमरा आवंटित करने पर रघुवर दास ने कहा कि यह परंपरा चली आ रही है, इससे वे इनकार नहीं करते पर एक पत्र जारी कर कमरा आवंटन करना कहीं से भी सही नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री के समर्थन में अब भाजपा के MLA नवीन जायसवाल, भानु प्रताप शाही, नीलकंठ सिंह मुंडा, समरी लाल भी साथ में धरने में बैठे हैं.
रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपने 19 माह में अपने एक भी वायदे को पूरा नहीं किया. लेकिन अब समाज को बांटने का काम सरकार कर रही है.
हेमंत सरकार के लाए नियोजन नीति को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया और कहा कि हिंदी, भोजपुरी जैसी भाषाओं को नीति से बाहर कर सरकार एक तरह से राज्य के बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रही है.साथ ही रघुवर दास ने जेपीएससी में जेएमएम के एक नेता की पत्नी को सदस्य बनाए जाने पर भी उठाया सवाल.
हेमंत सरकार तुष्टीकरण और धार्मिक दुश्मनी बढ़ाने का काम कर रही है
रघुवर दास ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है. यहां राज्य की सवा तीन करोड़ जनसंख्या की समस्याओं को सुना जाता है, ना कि कांग्रेस और जेएमएम की सरकार की तरह धर्म के आधार पर बांटा जाता है. विधानसभा झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस पार्टी की जागीर नहीं है. लोकतंत्र के मंदिर को धर्म का अड्डा बना कर दोनों पार्टिया केवल तुष्टीकरण और धार्मिक दुश्मनी बढ़ाने का काम कर रही है.
हेमंत सरकार राज्य से ज्यादा बाहर के लोगों को नौकरी देने का काम करना चाहती है
रघुवर दास ने कहा कि जब हमारी सरकार ने एक ऐसे स्थानीय नीति बनाई थी जिसमें थर्ड और फोर्थ ग्रेड के नौकरियों में राज्य के बच्चों को नौकरी मिलती, साथ ही हमने इनके लिए 10 साल का आरक्षण का प्रावधान किया था. लेकिन हेमंत सरकार ने ऐसी नीति बनाई जिससे हमारे मूलवासी आदिवासी बच्चे रोजगार से वंचित हो जायेंगे. हिंदी भाषा को हटाकर सरकार ने बता दिया कि सरकार राज्य से ज्यादा बाहर के लोगों को नौकरी देने का काम करना चाहती है.रघुवर दास ने कहा कि झारखंड के वैसे बच्चे जिनके माता-पिता केंद्र में नौकरी करते हैं, अगर उनके बच्चे मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई यहां से नहीं करेंगे, तो उन्हें नौकरी नहीं मिल पाएगी. ऐसी नीति हम लोगों ने नहीं बनाई थी.
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महामंत्री की पत्नी को जेपीएससी का सदस्य बनाए जाने का मुद्दा भी उठाया
रघुवर दास ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक महामंत्री की पत्नी को जेपीएससी का सदस्य बनाए जाने का मुद्दा भी उठाया. कहा कि इलाहाबाद से पढ़ाई करने वाली एक जेएमएम की परिवारिक सदस्य को JPSC का सदस्य बना दिया यानी नौकरी दे दी. हमारे मूलवासी आदिवासी बच्चे को राज में नौकरी नहीं मिल पाएगी. वही इस सरकार में झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार का कोई भी सदस्य आप जेपीएससी में नौकरी कर पाएगा.