Ranchi: मोरहाबादी मैदान में धरना पर बैठे सहायक पुलिसकर्मियों से मुलाकात करने के बाद पूर्व सीएम रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा. उन्होंने सीएम से आग्रह किया है कि पुलिस सेवा की नियुक्ति में सहायक पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता पर रखा जाए. रघुवर ने लिखा है कि झारखंड अति नक्सल प्रभावित राज्यों में से एक रहा है. यहां के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण नक्सली गतिविधियों में यहां के युवा मजबूरी में शामिल होते रहे हैं. उनकी सरकार ने काफी विचार-विमर्श के बाद नक्सल क्षेत्र के युवक एवं युवतियों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से राज्य में सहायक पुलिसकर्मी की नियुक्ति की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की थी, जिसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवक व युवतियों को सहायक पुलिस के रूप में नियुक्त कर तीन वर्षों का पुलिस प्रशिक्षण दिया गया था. इसे भविष्य में राज्य में उपलब्ध होने वाली पुलिस पदों की नियुक्तियों में प्राथमिकता देकर समायोजित किया जाना था.
इसे भी पढ़ें – लातेहार में JJMP के दो उग्रवादी गिरफ्तार, देसी कट्टे और गोलियां बरामद
सहायक पुलिसकर्मियों ने किया है सराहनीय कार्य
उन्होंने लिखा है कि सहायक पुलिस के रूप में प्रशिक्षित ये कर्मी अब काफी उपयोगी हो चुके हैं, जिनका उपयोग ट्रैफिक पुलिस, सुरक्षा पुलिस के रूप में किया जाता रहा है. कोरोना काल में इनकी भूमिका काफी उपयोगी व सराहनीय रही है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के इन युवक और युवतियों का सहायक पुलिस के रूप में नियुक्त होने के कारण राज्य में नक्सल गतिविधियों मे कमी आयी थी. कारण यह था कि पूर्व में जहां नक्सल क्षेत्रों से संबंधित युवक भटककर व आर्थिक प्रलोभन के कारण नक्सल गतिविधियों में शामिल हो जाते थे. वहीं पर सहायक पुलिसकर्मी के रूप में नियुक्ति होने के कारण वे मुख्यधारा में शामिल हुए. मानदेय प्राप्त होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति सबल हुई और अपने पैरों पर खड़े हो पाये. दुर्भाग्य की बात है कि ये सहायक पुलिसकर्मी, जो स्थानीय आदिवासी-मूलवासी ही हैं, अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पिछले 24 दिनों से अपने जीविकोपार्जन के लिए रांची में विषम परिस्थितियों में नवरात्र-दुर्गा पूजा के बीच आंदोलनरत हैं.
इसे भी पढ़ें- सिमडेगा में बनेगा अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम, 101 करोड़ की योजनाओं की सौगात देकर CM ने कहा- रोजगार पर है जोर
मांगों पर संवेदनशीलता के साथ विचार कर सरकार
रघुवर ने सीएम से आग्रह किया है कि इन सहायक पुलिसकर्मियों की उचित मांगों पर संवेदनशीलता के साथ सरकार विचार करे. तत्काल इनकी सेवा पूर्व की भांति ली जाये और इनके मानदेय में प्रतिवर्ष निश्चित अनुपात में वृद्धि की जाये. हर साल पुलिस पदों की रिक्तियों के विरुद्ध होनेवाली नियुक्तियों में सहायक पुलिसकर्मी को प्राथमिकता दी जाये और इसके लिए सहायक पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण-सेवा के प्रत्येक वर्षों के लिए अतिरिक्त अंक दिये जा सकते हैं. साथ ही जिन पांच सहायक पुलिसकर्मियों की मौत हुई है, उन्हें सरकार मुआवजा राहत राशि प्रदान करे.