Ranchi : पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर पोषण सखी की सेवा को जारी रखने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि पोषण सखी की बहाली के बाद से झारखंड में कुपोषण के आंकड़ों में कमी आई है. उन्होंने आग्रह किया है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से उनकी सेवा को जारी रखे. रघुवर ने कहा कि झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या रही है. इस कारण प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर काफी अधिक है. कुपोषण को मिटाने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावित धनबाद, कोडरमा, दुमका, चतरा, गिरिडीह और गोड्डा में पोषण सखी की नियुक्ति की गई थी. इनके प्रयासों से झारखंड में कुपोषण के खिलाफ एक माहौल तैयार करने में सहायता मिली थी.
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पोषण सखियों की कोशिशों से कुपोषण की दर में आयी कमी
रघुवर दास ने कहा कि पोषण सखियों के प्रयास से ही कुपोषण की दर में कमी दर्ज की गई. पिछले साल नवंबर में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के नतीजों ने इस पर मुहर भी लगाई थी. इसमें बताया गया था कि 2015-16 में जहां झारखंड में 45.3 प्रतिशत गंभीर कुपोषित बच्चे थे, वहीं 2020-21 में उनकी संख्या घटकर 39.6 प्रतिशत हो गई. इसी तरह कुपोषित बच्चों की संख्या भी 29 फीसदी से घटकर 22.4 प्रतिशत हो गई.
कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को मजबूती देने की जरूरत
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि राज्य में कार्यरत 10,388 पोषण सखियों की सेवा समाप्त न की जाए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मलेरिया की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे 2200 एमपीडब्ल्यू वर्कर्स की सेवा को ऐसी ही परिस्थितियों में जारी रखा था. उसी तर्ज पर पोषण सखियों की बहाली भी सरकार जारी रखे. इसे राज्य सरकार के संसाधनों से जारी रखते हुए कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती देने की जरूरत है.
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