Ranchi: कोरोना संक्रमण काल में रेलवे ने सिल्ली- इलू लिंक लाइन को बिसरा दिया गया है. रांची से टाटा और जमशेदपुर की दूरी को कम वाली यह लिंक लाईन काफी महत्वपूर्ण है. करीब 20 करोड़ रु की लागत की यह छोटी योजना फाइलों में ही कम तो होगी ही, सफर के समय में डेढ़ से दो घंटे तक की बचत होगी.
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लिंक लाइन बनने से कई ट्रेनों को मुरी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी
हटिया हावड़ा एक्सप्रेस सहित कई अन्य ट्रेनें मुरी के बाद इलू-तोरांग-चांडिल होते हुए टाटा और कोलकाता जाती है. यदि लिंक लाइन बन जाए तो ट्रेन को अनावश्यक रूप से मुरी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे करीब 17 किमी रेल मार्ग छोटी हो जाएगी. इतना ही नहीं मुरी में इंजन बदलने में लगनेवाले समय की बचत होगी. मौजूदा समय में रांची से टाटा में आवाजाही में पांच घंटे से भी अधिक समय लगते हैं. रेलवे के परिचालन की लागत में कमी आने से राजस्व तो बढ़ेगा ही.
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राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार लिंक लाईन को बनाने के लिए मांग उठा रहे हैं
तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु के काल में रांची के व्यवसायी और यात्री संगठन के अरुण जोशी की पहल पर चेंबर ऑफ कामर्स ने इसकी मांग जोर-शोर से उठायी थी. राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने भी इस लिंक लाईन को बनाने के लिए मांग उठा रहे हैं. जोशी के मुताबिक इस लिंक लाइन से लिए केवल 2.1 किमी लिंक लाईन बनानी होगी, जो कि ज्यादा मुश्किल काम नहीं है.
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कोरोना के कारण नियमित ट्रेने बंद हैं
रेलवे के लिए प्राथमिकता फिलहाल वैसी पुरानी परियोजनाओं पर है जिस पर काम चल रहा है. इन परियोजनाओं को पूरे करने के बाद ही नयी योजनाओं पर काम शुरू किया जा सकेगा. कोरोना संक्रमण की अवधि लंबी खींचने से रेल परियोजनाओं का कार्य तो पहले से ही प्रभावित है. नियमित ट्रेने बंद हैं. संक्रमण को ध्यान में रखकर कार्य हो रहे हैं. सभी कार्य प्रभावित हैं. पुराने कार्य होने के बाद ही नए कार्य शुरू होंगे.
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