Ranchi : शुरुआत में अच्छी बारिश होने के बाद अब खराब मॉनसून के कारण झारखंड कम बारिश वाले राज्य की श्रेणी में आ गया है. गत महीने 22 जून तक 76 फीसदी अधिक बारिश वाले झारखंड में अब मॉनसून मद्धम पड़ गया है. इससे यहां खेती संबंधी परेशानी बढ़ने लगी है. 16 जुलाई को राज्य में बारिश का औसत नीचे गिरकर एक फीसदी पर आ गया है. यदि आने वाले दिनों में पूर्वानुमान गलत साबित हुई तो सुस्त पड़ी खेती के कार्य रुक जाने की आशंका है.
राज्य में एक जून से अबतक 364.9 मिमी की तुलना में 360.3 मिमी बारिश हो सकी है. जुलाई महीने में मात्र 26 फीसदी और 84.5 मिमी फीसदी बारिश हुई है. पिछले साल जुलाई में मॉनसून की स्थिति बहुत अच्छी तो नहीं रही थी, लेकिन इस दौरान 144.1 मिमी बारिश हुई थी. यह सामान्य बारिश की 45.13 फीसदी थी.
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कम बारिश वाले जिलों की संख्या 11 तक पहुंची
मॉनसून की खराब स्थिति के कारण राज्य में कम बारिश वाले जिलों की संख्या 11 तक पहुंच चुकी है. इसमें सबसे खराब स्थिति गुमला और चतरा की है, जहां बारिश में कमी का प्रतिशत बढ़कर 30 फीसदी से अधिक हो गया है. इसके अलावा गोड्डा, खूंटी, पाकुड़, सरायकेला खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा में स्थिति तेजी से खराब हो रही है. इससे यहां किसानों को सूखे की चिंता सताने लगी है.
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इस माह मानसून लगातार निष्क्रिय रहा है
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस माह मानसून लगातार निष्क्रिय रहा है. झारखंड में बंगाल की खाड़ी में अनुकूल स्थितियां होने पर मानसून जोर पकड़ती है. लेकिन इस बार निम्न दबाव बनने की प्रक्रिया कम है. इसके बावजूद अभी पर्याप्त सुधार की गुंजाइश है.
विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार 17 और 18 जुलाई को पूरे राज्य में बारिश होने की संभावना है. 21 जुलाई तक बंगाल की खाड़ी में बननेवाले एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने के संकेत मिले हैं. इसके व्यापक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो इसके प्रभाव से झारखंड हीं नहीं आसपास के हिस्सों में भी मानसून सक्रिय होगा. 21 जुलाई के बाद पूरे राज्य में अच्छी बारिश हो सकती है.
16 जुलाई तक खेती का हाल
- कुल खेती वर्ष कृषि भूमि खेती फीसदी में
- खरीफ की खेती 2020 2,827.4 985.4 34.8
- खरीफ की खेती 2021 2,827.4 734.4 25.9
- धान की खेती 2020 1800.0 470.3 26.1
- धान की खेती 2021 1800.0 389.4 21.6