Jamshedpur : रक्षाबंधन के त्योहार में राखी का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि बहन अपने भाई की कलाई पर राखी के रूप में रक्षा सूत्र बांधती है और भाई भी बहन को रक्षा सूत्र के बदले उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं. रक्षा के वचनों से बंधी एक ऐसी ही कहानी 2015 के बाद हर साल रक्षाबंधन पर दुहराई जाती है. 2015 में बारामूला में शहीद बीएसएफ जवान किशन दुबे की बहन लक्ष्मी हर साल रक्षाबंधन पर अपने भाई की बटालियन में तैनात भाईयों के लिए राखी भेजती है, ताकि वे सलामत रहें और देश की रक्षा करते रहें. गुरुवार को भी उसने बिष्टुपुर पोस्ट ऑफिस आकर खुद अपने हाथों से बीएसएफ की 119वीं बटालियन, जो इस समय राजस्थान में तैनात है, के जवानों के लिए राखी भेजी.
जैसे भाई को राखी भेजती थी, वैसे ही अब भी बटालियन के भाईयों को भेज रही
कीताडीह के त्रिमूर्ति चौक पर रहने वाली लक्ष्मी कुमारी पिछले 6 वर्षाे से हर रक्षाबंधन पर पोस्ट ऑफिस आकर राखी भेजती है. लक्ष्मी को अपने भाई को खोने का गम आज भी है लेकिन उसे गर्व है कि उसके बड़े भाई ने देश की सेवा में अपनी शहादत दी. शहादत से पहले जब उसका भाई सीमा पर तैनात था तो भी लक्ष्मी ऐसे ही पोस्ट ऑफिस से राखी भेजा करती थी. अब भी यह सिलसिला जारी है, फर्क सिर्फ इतना है कि उस बटालियन में अब उसका भाई नहीं है, पर उसकी यादें जरूर हैं.
बॉर्डर पर तैनात मेरे भाई सलामत रहें: लक्ष्मी
लगातार.इन से बात करते हुए लक्ष्मी बताती है कि पिछले 6 वर्षों से वह पूरी बटालियन के लिए राखी भेजती है. मेरे भईया इस देश की सेवा में शहीद हो गए लेकिन उसी बॉर्डर पर तैनात मेरे अन्य भाई भी इस देश की सेवा में लगे हुए हैं. यह सिर्फ राखी नहीं है बल्कि मेरी नज़रों में रक्षा सूत्र है, जो मैं बॉर्डर पर तैनात अपने भाईयों को भेजती हूं. मैं बस यही चाहती हूं कि बॉर्डर पर तैनात मेरे भाई सलामत रहें.
पूरी बटालियन को होता है लक्ष्मी की राखियों का इंतजार
लक्ष्मी बताती है कि हर साल पूरी बटालियन मेरी राखी का इंतजार करती है. राखी वहां पहुंचने के बाद या तो समय मिलने पर वो खुद मिलने आते हैं या फिर सबके नाम से एक खत लिखकर भिजवाते हैं. ये सारी चीज़ें मेरे रक्षा बंधन के इस त्यौहार को और भी खास बनाता है. आपको बता दंे कि 9 जुलाई 2015 को किशन दुबे बॉर्डर पर पाकिस्तानी रेंजर्स की गोलियों के शिकार हो गए थे. उस समय उनकी बीएसएफ बटालियन की पोस्टिंग बारामूला में थी, जो पिछले दो साल से राजस्थान के जैसलमेर में तैनात है, अब लक्ष्मी अपनी राखियां जैसलमेर भेजती है.