Ranchi: बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को बड़ा झटका लगा है. अदालत ने उनके ऊपर चल रहे हैं सभी मामलों की सुनवाई अब ईडी कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोपी राम विनोद सिन्हा के खिलाफ विजिलेंस में चल रहे मामलों की सुनवाई अब ईडी की विशेष कोर्ट में होगी.ईडी के द्वारा PMLA एक्ट के सेक्शन 44 के तहत अदालत में पिटीशन दायर किया गया था.जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने राम विनोद सिन्हा से जुड़े सभी मामलों को ईडी कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया है. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे बर्खास्त जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा पर खूंटी में लगभग 17 मामले दर्ज किये गए हैं, जिसकी जांच एसीबी कर रही है.
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राम विनोद सिन्हा की मुश्किलें बढ़नी तय
जांच के क्रम में मनी लॉन्ड्रिंग समेत अन्य धाराओं के जुड़ने के बाद राम विनोद सिन्हा से जुड़े सभी मुकदमों का ट्रायल ईडी के न्यायालय में चले इसके लिए ईडी प्रयासरत है. अगर अदालत इन मामलों की सुनवाई ईडी की विशेष कोर्ट में शुरू करने की अनुमति दे देती है, तो पहले से ही परेशान चल रहे राम विनोद सिन्हा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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मनी लांड्रिंग के आरोप में सिन्हा पर चार्जशीट दाखिल किया था
बता दें कि ईडी ने मनी लांड्रिंग और आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के साथ-साथ कई गड़बड़ियां करने के आरोपी बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को बीते 18 जून 2020 को कोलकाता से गिरफ्तार किया था.
आरोपी विनोद सिन्हा दो साल से फरार चल रहा था. ईडी ने 12 दिसंबर 2018 को 2.79 करोड़ की मनी लांड्रिंग के आरोप में सिन्हा पर चार्जशीट दाखिल किया था. मालूम हो कि, राम विनोद सिन्हा ने खूंटी जिला परिषद में पदस्थापित रहते हुए करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की थी.
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18 करोड़ 76 लाख रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है
बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा पर खूंटी जिला परिषद के मनरेगा योजना से जुड़े 18 करोड़ 76 लाख रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है. एसीबी की जांच में इसकी पुष्टि हुई थी. फर्जीवाड़ा का यह मामला वर्ष 2006 से 2010 के बीच का है. अब तक ईडी ने आरोपी की तीन करोड़ से ज्यादा की सम्पति जब्त की है.
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