Ranchi : पूर्व मंत्री राजा पीटर की ज़मानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब हाईकोर्ट क्या फ़ैसला सुनाता है यह देखना काफ़ी महत्वपूर्ण होगा. मंगलावार को हुई सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सतीश केसरी ने अदालत के समक्ष अपने बचाव में बहस करते हुए कहा कि इस पूरे मामले में वे निर्दोष हैं.
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अदालत से राहत नही दी जानी चाहिए
बुधवार को NIA की ओर से बहस कर रहे अधिवक्ता ने अदालत में कहा कि इस हत्याकांड में राजा पीटर की संलिप्तता है. इसलिए इन्हें अदालत से राहत नही दी जानी चाहिए. राजा पीटर की क्रिमिनल रिवीज़न पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की बेंच में सुनवाई हुई.
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9 जुलाई 2008 को एक सामरोह में हुए थे शामिल
बता दें कि बुंडू के एसएस हाई स्कूल में 9 जुलाई 2008 को एक समारोह था. इसमें पूर्व मंत्री और तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे. समारोह में छात्रों को सम्मानित करने और पुरस्कार देने के बाद वे संबोधित कर रहे थे. उसी समय कुंदन पाहन दस्ते के नक्सलियों ने स्कूल में आकर फायरिंग शुरू कर दी. इसमें रमेश सिंह मुंडा, उनके दो सरकारी बॉडीगार्ड शिवनाथ मिंज और खुर्शीद आलम सहित एक छात्र रामधन पातर की मौत हो गयी थी. मामले में बुंडू थाना में मामला दर्ज किया गया था. रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की बाद में एनआइए ने मामले की जांच की.
कुंदन पाहन के सरेंडर करने के बाद उससे पूछताछ के दौरान इसमें राजा पीटर का नाम सामने आया था. सूत्रों के अनुसार राजा पीटर ही मामले के सूत्रधार थे. उन्होंने ही नक्सलियों को हत्या करने के लिए हथियार और पैसे उपलब्ध कराये थे. इसके बाद एनआइए ने राजा पीटर को गिरफ्तार किया था.
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