Ranchi: रामगढ़ उपचुनाव में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि सात फरवरी है. इस सीट पर सीधा और प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और आजसू के बीच है. कांग्रेस को झामुमो, राजद और आजसू को इस बार भाजपा का समर्थन मिलेगा. दोनों पार्टियों ने अभी तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, रामगढ़ उपुचनाव में पार्टी पूर्व विधायक रही ममता देवी के पति बजरंग महतो को प्रत्याशी बना सकती है. प्रत्याशी चयन को लेकर नई दिल्ली में मंगलवार या बुधवार को बैठक होगी. बैठक में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक दल के नेता (सीएलपी) आलमगीर आलम मौजूद रहेंगे. शीर्ष नेतृत्व को फैसले से अवगत कराया जाएगा. फिर कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव कमेटी के इंचार्ज सह महासचिव मुकूल वासनिक प्रत्याशी के नाम की घोषणा करेंगे.
सहानुभूति वोट की आस में कांग्रेस पार्टी
रामगढ़ सीट की वर्तमान स्थिति देख कांग्रेस इस बार सहानुभूमित वोट से पार पाना चाहती है. कांग्रेस की विधायक रही ममता देवी पांच माह पहले ही मां बनी हैं. उन्हें गोला गोलीकांड मामले में पांच साल की सजा हुई. इससे उनकी विधायकी चली गयी. कांग्रेसी नेता पहले ही ममता देवी को आंदोलनकारी कह चुके हैं. पार्टी नेताओं का मानना है कि षड़यंत्र के कारण एक आंदोलनकारी नेता की विधायकी छिनी गयी. चर्चा है कि बच्चे को गोद में लेकर पूर्व विधायक के पति चुनाव प्रचार कर सकते हैं. वहीं, बजरंग महतो ने कहा है कि पार्टी ने अगर भरोसा जताया तो किसी को निराश नहीं करेंगे.
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आजसू-भाजपा गठबंधन को देख कांग्रेस के लिए जीत आसान नहीं
कांग्रेस पार्टी के लिए रामगढ़ सीट जीतना 2019 के विपरित इस बार आसान नहीं होगा. उपचुनाव में आजसू को भाजपा का पूरा समर्थन मिलेगा. एआईएमआईएम भी प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है. ऐसा होता है, तो अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा होगा, जिसका सीधा नुकसान महागठबंधन (झामुमो और राजद समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी) को होगा. कांग्रेस की तुलना में आजसू का संगठन रामगढ़ में ज्यादा मजबूत है. 2019 के वोट को भी देखें, तो आजसू और भाजपा को मिला कुल वोट महागठबंधन की तुलना में ज्यादा है. 2019 चुनाव में आजसू प्रत्याशी को 31,874 और भाजपा प्रत्याशी को 71,226 वोट मिला था, जो महागठबंधन प्रत्याशी 99,944 की तुलना में 3100 से ज्यादा है.