Ramgarh : बलकुदरा के विस्थापित ग्रामीणों की बैठक रविवार को नया टोला रिचीबंधा फुटबॉल ग्राउंड में हुई. बैठक मे मुख्य रूप से झामुमो के युवा नेता सह विस्थापित नेता योगेंद्र यादव उपस्थित थे. बैठक में कहा गया कि बरका-सयाल क्षेत्र के भुरकुंडा परियोजना के कार्यालय जाकर परियोजना पदाधिकारी को पिछले 12 नवंबर को सैकड़ों स्थानीय विस्थापित ग्रामीणों द्वारा विरोध प्रदर्शन सभा के माध्यम से पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा गया था. इसमें किसी तरह से सकारात्मक पहल नहीं की गयी. पुनः 28 नवंबर को परियोजना पदाधिकारी भुरकुंडा को अनिश्चितकालीन बंदी को लेकर ज्ञापन सौपा गया था. जिसमें सीसीएल प्रबंधन द्वारा आश्वासन दिया गया था कि आपलोगों की मांगों पर बहुत जल्द सकारात्मक पहल किया जाएगा. लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी किसी तरह से पहल नहीं हुई. विस्थापित ग्रामीणों द्वारा फिर से 13 अप्रैल को परियोजना पदाधिकारी, भुरकुंडा को ज्ञापन सौपा गया. जो लगभग 4 माह बीत जाने के बावजूद भी अभी तक सीसीएल प्रबंधक द्वारा स्थानीय विस्थापित ग्रामीणों की मांगों पर पहल नहीं की गयी है.
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विस्थापितों को दरकिनार करने का आरोप
पिछले एक सप्ताह से भुरकुंडा परियोजना बरका-सयाल क्षेत्र के अंतर्गत आउटसोर्सिंग कंपनी पीएसएम माइनिंग लिमिटेड द्वारा बलकुदरा खदान के बैरियर पैच के लूज ओबी हटाने का काम शुरू किया गया है. सीसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनी पीएसएम माइनिंग लिमिटेड द्वारा यहां के स्थानीय विस्थापित ग्रामीणों को दरकिनार कर काम किया जा रहा है. स्थानीय विस्थापित ग्रामीणो द्वारा दिए गए मांग पत्र पर किसी तरह से सकारात्मक पहल नहीं होने और बलकुदरा खदान में विस्थापित ग्रामीणो को दरकिनार कर काम करने के कारण विस्थापित ग्रामीण द्वारा बाध्य होकर 22 सितंबर को अनिश्चितकालीन बलकुदरा आउटसोर्सिंग का कार्य बंद करने का निर्णय लिय गया है. बैठक की अध्यक्षता सुनील मुंडा और संचालन मनोज महली ने किया. मौके पर रामजतन यादव, रवि महली ,गुलचंद मुंडा, अनिल मुंडा, अरविंद यादव, सनी मुंडा, संतोष सिंह, सहबाज अंसारी, आनद मुंडा, विवेक प्रसाद, सतीश मुंडा, सुभाष यादव, दिपक महली, बबलू मुंडा, कुणाल यादव आदि ग्रामीण मौजूद थे.
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