Ramgarh: राज्य में लोगों को चिकित्सा सुविधा देने के लिए सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक खोले हैं. यहां चिकित्सा सुविधा के साथ चिकित्सकों को बहाल किया गया है. लेकिन हर जगह समान स्थिति नहीं है. कहीं संसाधन है तो कहीं चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी पर्याप्त संख्या में नहीं हैं. ग्राउंड की स्थिति कैसी है, इसे जानने लगातार मीडिया की टीम पीएचसी पहुंची.
लोगों को बेहतर इलाज हो इसके लिए जिले के अलग-अलग प्रखंडों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) खोले गये हैं. इसी क्रम में टीम चितरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. सेंटर में कोई फिजिशियन चिकित्सक नहीं था. पीएचसी का भवन भी काफी छोटा है. वहां होम्योपैथिक डॉक्टर लक्ष्मी कच्छप पदस्थापित हैं. एक अन्य डॉक्टर कुसुम बारा हैं. इनका वेतन तो इसी अस्पताल से मिलता है, लेकिन उनका डिपूटेशन सदर अस्पताल रामगढ़ में है.
इस सेंटर में तीन नर्स अमिता कुजूर, किरण कुमारी और गंगोत्री होरो पदास्थापित हैं. जबकि अनामिका बारला चाइल्ड हेल्थ ऑफिसर के रूप में कार्यरत हैं. चितरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन बेड है. इसमें एक बेड टूटा है. अस्पताल में प्रसव के लिए एक बेड है. जिस पर कभी-कभी मरीज आते हैं. अस्पताल में ब्लड शुगर, एमपी, टीबी और बलगम की जांच की जाती है. इसके लिए अमर कुमार लैब टेक्निशन के रूप में कार्यरत हैं.
नियम के अनुसार अस्पताल 24 घंटे चालू रहना चाहिए, लेकिन महज 6 घंटे तक ही खुला रहता है. फिर बंद हो जाता है. तीन शिफ्ट की तुलना में सिर्फ एक शिफ्ट ही चलती है. होम्योपैथिक डॉक्टर डॉ लक्ष्मी कच्छप सप्ताह में 3 दिन अस्पताल आती हैं. अस्पताल में 12 बेड होनी चाहिए, लेकिन तीन बेड ही हैं. उसमें भी एक बेड टूटा है. इससे मरीज भी कम आते हैं. जब सारी व्यवस्था दुरुस्त होगी तो मरीज जरूर आएंगे. इसलिए पीएचसी में सुधार की दरकार है.
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