Vinit Abha Upadhyay
Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में रामगढ़ जिले के भगवान राधा कृष्ण मठ की 17.18 एकड़ जमीन के सरकारी रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर जमीन हड़पने की जांच की मांग लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. रामगढ़ की कुमारी प्रीति द्वारा दायर क्रिमिनल रिट याचिका में अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह के पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार,सीबीआई और ईडी से तीन सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने कोर्ट को यह बताया कि जमीन हड़पने और कब्जा करने के लिए रामगढ़ में सीनियर अधिकारियों और भू-माफियाओं की सांठगांठ से जमीन कब्जा करने का खेल रांची में उजागर हो रहे मामलों से भी बड़ा और गंभीर है. रामगढ़ में जमीन हड़पने का विरोध करने वालों पर पुलिस भी फर्जी केस कर अवैध तरीके से उठा कर टॉर्चर कर रही है.
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क्या है विवाद और कैसे हुआ राधकृष्ण मठ की 17.18 एकड़ जमीन हड़पने की साजिश का खुलासा
रामगढ़ जिले के कुंदरु खुर्द में भगवान राधाकृष्ण के नाम एक मठ है. वहां लगे शिलापट में उसकी स्थापना सन् 1956 में किए जाने का उल्लेख है. 18 फरवरी 2020 को रामगढ़ अंचलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी को भेजी रिपोर्ट में लिखा है कि कुंदरु खुर्द के खाता संख्या 77 प्लॉट संख्या 1523,1524 वगैरह कुल 35 प्लॉट, कुल रकबा 17.18 एकड़ जमीन जो खतियान के अनुसार मुरली साव वगैरह के नाम दर्ज है. जिसका चालू पंजी संख्या दो के पेज/भाग संख्या 93/1 में बाढ़ो साई,त्रिभुवन साई,जलेश्वर साई और पेशरान भीखू साव के नाम खाता संख्या 77 कुल रखवा 17.18 एकड़ जमाबंदी दर्ज दिखाया गया है. पंजी दो के अवलोकन से प्रतीत होता है कि मूल पृष्ठ को बदलकर नया पृष्ठ जोड़ा गया है. लगाना निर्गत बही ( 111A ) से जांच करने पर पता चला कि रसीद संख्या 3877339 वर्ष 2004-2005 एवं रसीद संख्या 6745459 वर्ष 2012-2013 खाता संख्या 77 राधकृष्ण वगैरह के नाम से निर्गत किया गया है. उक्त भूमि के राजस्व उपनिरिक्षण एवं अधोहस्ताक्षरी के द्वारा स्थल निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों एवं वहां कार्य करवा रहे मौजूद व्यक्तियों से पूछताछ में बताया गया कि संबंधित भूमि शुरू से ही राधाकृष्ण मठ के नाम से है एवं हर वर्ष इसकी ऊपज फसल राधाकृष्ण मठ के सेवार्थ लगाया जाता है. रिपोर्ट में उक्त आरोपों से सम्बंधित वर्ष 2018 में मुख्य मंत्री जंसनवाद में ग्रामीणों द्वारा किए गए शिकायत का उल्लेख है.
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