Ranchi : प्रतिभा न उम्र की और ना ही किसी सीमा की मोहताज होती है. जब यह पंख नौनिहाल (बच्चा) को लग जाये तो उसकी उड़ान शिखर चूमती है. हम बात कर रहे 9 साल के बच्चे अरोन की. जिसने दुनिया के 4500 बच्चों को परास्त करते हुए अंतरराष्ट्रीय पीस पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया है. इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में विश्व के 79 देशों के 5 से 16 आयु वर्ग के छात्रों ने भाग लिया था.
अरोन के सम्मान में अफ्रीकी महाद्वीप में लगेंगे 10 पौधे
अरोन पुणे के इंदिरा नेशनल स्कूल का स्टूडेंट हैं और वो क्लास 5 में पढ़ता है. लेकिन वो रांची के कलाकृति से ऑनलाइन पेंटिंग सीखता है. प्रथम विजेता बनने पर आयोजकों की ओर से उन्हें गोल्ड मेडल, सर्टिफिकेट, 6 फीट का पोल ऑफ पीस मिला है. इतना ही नहीं अरोन के सम्मान में अफ्रीकी महाद्वीप में 10 पेड़ भी लगाये जायेंगे. बता दें कि जिसके चारों तरफ विभिन्न भाषाओं में विश्व में शांति रखें का नारा लिखा रहता है उसे पोल ऑफ पीस कहते हैं.
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भारत का एकमात्र विजेता छात्र है अरोन
कलाकृति स्कूल ऑफ आर्ट्स के निदेशक और चित्रकार धनंजय कुमार ने बताया कि अरोन एक प्रतिभाशाली छात्र है. इससे पहले भी अरोन ने कई अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कॉन्टेस्ट में इनाम जीते हैं. धनंजय कुमार ने बताया कि अरोन भारत का एकमात्र छात्र है, जिसने अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत हासिल की है.
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निर्णायक मंडली में विश्व के 60 विशेषज्ञ चित्रकार शामिल
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय पीस पेंटिंग प्रतियोगिता की थीम दयालुता थी. जिसमें बच्चों को पेंटिंग के माध्यम से यह अभिव्यक्त करना था कि उनके लिए दया का क्या अर्थ है. प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में 60 विशेषज्ञ चित्रकार शामिल थे.