-उत्तरकाशी निर्माणाधीन सुरंग हादसा पर पूरी जानकारी लेकर ही बयानबाजी करें तो बेहतर
-केंद्र के हर परियोजना का यही हाल, मानव बल के बिना कोई ठोस व्यवस्था के अपने उद्यमी मित्रों के लिए शुरू दिया जा रहा है परियोजना पर काम
-बाबूलाल इतने ही संवेदनशील हैं तो केंद्र और उत्तराखंड से सरकार से बात करते, खुद घटना स्थल पर जाते
-12 की घटना के दूसरे दिन ही आईएएस के नेतृत्व में टीम गयी, पल-पल की जानकारी ले रहे है सीएम
Ranchi: उत्तरकाशी निर्माणाधीन सुरंग हादसे में बाबूलाल मरांडी के बयान पर झामुमो ने तिखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. कहा कि बाबूलाल मरांडी का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. लगता है कि उन्हें कोई काम-धाम नहीं बचा है, इसलिए उन्हें अब एकांतवास पर जाने की जरूरत है. वे कहें तो सरकार इसकी व्यवस्था करा देगी. यह बात झामुमो केंद्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
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उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी में चाल धंसने के बाद 41 मजूदरों में झारखंड के सबसे अधिक 15 मजदूर दबे हैं. जैसे ही इसकी जानकारी सरकार को मिली, दूसरे ही दिन वहां एक वरिष्ठ आईएएस भुवनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम रवाना हो गयी, जो वहां पर दिन-रात डटकर मुकाबला कर रही है. पल-पल की जानकारी राज्य सरकार और सीएम ले रहे हैं.
इसके बाद भी बाबूलाल हेमंत सरकार पर संवेशनहीन होने का आरोप लगा रहे हैं. अजीब बात है, उन्हें हर चीज में राजनीति नजर आती है. अगर उन्हें और उनकी पार्टी की केंद्र सरकार को जरा सी भी मजदूरों और गरीबों की चिंता होती तो यह सवाल केंद्र सरकार से करना चाहिए, जहां पर केंद्र सरकार अपने उद्यमी मित्रों के लिए कई प्रोजेक्ट पर बिना कोई सुरक्षा उपाय के काम शुरू करवा दे रही है. हाल के वर्षों में कई ऐसी घटनाएं हुईं हैं. सेना के जवान तक लापता हो गए. सिक्किम में तो डैम ही बह गया. यह सीधे तौर पर केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट था. केंद्र में किसकी सरकार है, उत्तराखंड में किसकी सरकार है. अगर बाबूलाल मरांडी संवदेशनील होते तो वे केंद्र और वहां की सरकार से बात करते, खुद घटना स्थल पर जाते.
पीएम क्यों नहीं गए घटना स्थल पर
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हाल के दिनों में केंद्र सरकार के कई ऐसे बड़े प्रोजेक्ट हैं जो केवल मोदी सरकार के परम उद्यमी मित्रों के लिए शुरू किया गया. जिसमें बड़े-बड़े हादसे हुए. कई मजदूर काल के गाल में समा गए, सैनिक तक लापता हो गए. अगर उत्तरकांशी प्रोजेक्ट की बात करें तो इतने बड़े प्रोजेक्ट में किसी घटना के बाद मजदूर कैसे निकलेंगे, इसके लिए एक एक्जिट प्वाइंट तक नहीं बनाया गया. मोदी जी को वर्ल्ड कप मैच देखने की फुर्सत है, मगर घटना स्थल पर जाने की नहीं. मणिपुर में इतना बड़ा कांड हो जाने के बाद मोदी जी वहां जाना उचित नहीं समझे. बाबूलाल जी को तेलगांना जाने का समय है, पर उत्तराकाशी नहीं और यहां बैठकर मामले को पैनिक कर रहे हैं.
सीएम का निर्देश, बेहतर अस्पताल में इलाज कराया जाए
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन का सख्त निर्देश है कि जैसे ही हमारे झारखंड के फंसे मजदूर रेस्क्यू के बाद बाहर आते हैं, उन्हें फौरन वहां के बेहतर अस्पताल में इलाज कराया जाए. इसके लिए पैसे की चिंता करने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार इस मामले को लेकर काफी संवेदनशील है. बाबूलाल मरांडी को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है. कुछ करना है तो केंद्र सरकार और वहां के राज्य सरकार से बात करें.खुद वहां जाएं.
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भाजपा में सबसे अधिक घुसपैठिए
झामुमो ने बाबूलाल मरांडी के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि भाजपा की सरकार बनी तो पाकुड़ में एनआरसी लागू करेंगे. भट्टाचार्य ने कहा कि पहले तो एनआरसी प्रदेश भाजपा में लागू करने की जरूरत है. जहां हर अहम पद पर घुसपैठिए काबिज हो चुके हैं. प्रदेश अध्यक्ष घुसपैठिए, नेता प्रतिपक्ष घुसपैठी, पार्टी सचेतक घुसपैठी हैं.