Ranchi : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 20 जुलाई 2021 को लघु सिंचाई प्रमंडल, चाईबासा के एक्सक्यूटिव इंजीनियर मनोज कुमार विद्यार्थी को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने बुधवार को मनोज कुमार विद्यार्थी के खिलाफ पीई दर्ज करने की प्रस्ताव अनुमति दे दी.
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रिश्वत लेने और करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का आरोप
मामले के आईओ इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस पदाधिकारी की ओर से जांच रिपोर्ट सौंपा गया है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज कुमार विद्यार्थी की गिरफ्तारी के बाद उनके घर की तलाशी में बरामद नौ लाख रूपया और रिश्वत की रकम को अपने किराए के मकान में रखने के आरोप को प्रथम दृष्टया सत्य पाया गया. आरोपी और आरोपी की पत्नी के नाम से पटना, रांची और उनके पैतृक गांव में करोड़ों की अचल संपत्ति होने का उल्लेख किया गया है. मामले में गुप्त रूप से सत्यापन के क्रम में यह बात सामने में आयी है कि आरोपी मनोज कुमार विद्यार्थी ने ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों के बिल भुगतान करने के एवज में प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत लिया करते थे.
पीसीसी सड़क का बिल पास करने के लिए रिश्वत की मांग की थी
मनोज कुमार की ओर से चाईबासा के बंदगांव में आठ लाख की लागत से बन रही पीसीसी सड़क का बिल पास करने के लिए रिश्वत की मांग की थी. यह कार्य कृष्णालया कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था. 1000 मीटर सड़क का निर्माण आठ लाख रुपये की लागत से होना था. मनोज विद्यार्थी ने लागत का 20 प्रतिशत बतौर कमीशन मांगा था. इस हिसाब से अभियंता को 1.60 लाख रुपये मिलने थे. मनोज कुमार और ठेका कंपनी के प्रतिनिधि के बीच पहली किस्त में 20 हजार रुपये देने पर सहमति हुई थी. पहली किस्त के लेनदेन में एसीबी ने मनोज कुमार को गिरफ्तार कर लिया था.
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