Ranchi : जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची की टीम ने एक 16 वर्षीय नाबालिग की शादी रुकवायी. रांची जिले के नरकोपी थाना क्षेत्र के सरवा पंचायत की 16 वर्षीय बच्ची का परिजन बाल विवाह कराने जा रहे थे. 22 अप्रैल को बच्ची की शादी थी. घर में तैयारी चल रही थी. उत्साह का माहौल था. बच्ची मांडर कस्तूरबा की छात्रा है. वह पिछले काफी दिनों से स्कूल नहीं जा रही थी. इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन ने मांडर की पीएलबी सुमन ठाकुर और पूनम देवी को दी. पीएलबी ने गांव के मुखिया प्रतिनिधि बीरेंद्र उरांव को फोन कर बच्ची के संबंध में जानकारी मांगी. बीरेंद्र ने बताया कि बच्ची के घर में शादी है, इसलिए वह स्कूल नहीं जा रही है. प्रोजेक्ट इंपैक्ट के तहत बच्ची की उपस्थिति के लिए बच्ची से मिलने पीएलबी उसके गांव पहुंची तो पता चला कि शादी उसी की है. पीएलबी ने तुरंत इसकी जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राकेश रंजन को दी. सचिव ने न्यायायुक्त दिवाकर पांडे से बात की. उनके दिशा-निर्देश पर बाल विवाह रोकने का निर्देश दिया. तुरंत बीडीओ सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी मांडर और नारकोपी थाना प्रभारी को भी इसकी जानकारी दी गई. साथ ही कस्तूरबा स्कूल प्रबंधन, नरकोपी थाना की पुलिस, ग्रामीण, मुखिया प्रतिनिधि और पीएलबी की उपस्थिति में बच्ची के परिजनों के साथ बैठक की गई. बैठक में बच्ची के परिजनों को समझाया गया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है. जिसके बाद बच्ची के परिवार वाले शादी रोकने को तैयार हो गए. वहीं बच्ची ने भी आगे पढ़ने की इच्छा जताई. टीम ने बच्ची को पुन: पढ़ाई के लिए कस्तूरबा स्कूल मांडर भेज दिया. डालसा रांची के सहयोग से एक नाबालिग का बाल विवाह होने से बच गया.
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