Ranchi : रांची सहित राज्य में डायन प्रथा के तहत बढ़ती हत्या को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने इसके खिलाफ जागरूकता फैलाना शुरू कर दिया है. इसके लिए सोमवार को जिला प्रशासन के परिसर में डीसी छवि रंजन ने डायन प्रथा जागरूकता रथ गाड़ी को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.
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रथ जिले के विभिन्न इलाकों में भ्रमण करेगी
यह रथ जिले के विभिन्न इलाकों में जाकर लोगों के इसे रोकने के लिए जागरूक करेगी. इसके तहत पूरी गाड़ी में डायन प्रथा क्या है, डायन प्रथा अधिशेष नियम, इस प्रथा को अपनाने पर दंड सहित इससे जुड़े तस्वीरे लगाई गई है. इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए प्रथा को एक दण्डनीय अपराध होने की जानकारी दी गई है. इसमें प्रशासन ने इस प्रथा के खिलाफ लोगों को एक साथ मिलकर लड़ने की अपील की है.
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क्या है डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम, 2001
-किसी महिला की डायन के रूप में पहचान करने वाले या उस पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कार्रवाई करने वाले को अधिकतम तीन महीने तक जेल और 1000 रुपए जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है.
– किसी महिला की डायन के रूप में पहचान कर उसे शारीरिक या मानसिक यातना देना, जाने के या अनजाने में प्रताड़ित करने पर 6 महीने के लिए जेल की सजा के साथ ही 2000 रुपए का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है.
– किसी महिला की डायन के रूप में पहचान करने के लिए अन्य व्यक्ति या समाज के लोगो को उकसाने, षड्यंत्र करने या सहयोग करने के लिए 3 महीने के लिए जेल और 1 हज़ार रुपये का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.
– डायन के रूप में पहचान की गई सजा औरत को शारीरिक या मानसिक हानि पहुंचाकर झाड़-फूक से उपचार करने वाले को 1 साल तक जेल और 2000 रुपये जुर्माना या दोनों दंड देने का प्रावधान है.
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