- रांची एरिया कोड का काम जीनस को मिला, 92 करोड़ रुपए होंगे खर्च
- सबस्टेशन, फीडर और डिस्ट्रब्यूशन ट्रांसफॉर्मर में लगाया जाएगा मीटर
Kaushal Anand
Ranchi : बिजली चोरी और लाइन लॉस पर लगाम लगाने के लिए जेबीवीएनएल एनर्जी एकाउंटिंग कराएगा. इसके लिए सबस्टेशन से लेकर फीडर और लोकल डिस्ट्रब्यूशन ट्रांसफॉर्मर तक मीटर लगाया जाएगा. इससे यह पता चलेगा कि सबस्टेशन से किस फीडर के लिए कितनी बिजली की आपूर्ति हुई, फीडर से इसके अधीन आने वाले लोकल डिस्ट्रब्यूशन ट्रांसफॉर्मर में कितनी बिजली दी गयी और उससे कितने कंज्यूमरों को बिजली आपूर्ति की जा रही है. इसमें आने वाले गैप से यह पता लगाया जाएगा कि कितनी बिजली की आपूर्ति और खपत हो रही है, कितना लाइन लॉस हो रहा है और कितने बिजली की चोरी हो रही है. इसके साथ ही प्रत्येक ट्रांसफॉर्मर के लोड का पता चल सकेगा, ताकि उसके लोड को बढ़ाया जा सके. यह पूरी योजना विश्व बैंक संपोषित है.
इस काम के लिए रांची एरिया बोर्ड के अधीन रांची, लोहरदगा, गुमला, खूंटी और सिमडेगा जिले का काम जीनस कंपनी को दिया गया है. इसके तहत सबस्टेशन, फीडर और ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाया जाएगा. जमेशदुपर और चाईबासा का काम सिक्योर कंपनी को दिया गया है. इसमें कुल 92 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
झारखंड में अब भी लाइन लॉस 30 प्रतिशत
झारखंड में लाइन लॉस अब भी करीब 30 प्रतिशत है. जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 24 प्रतिशत है. झारखंड में वर्ष 2024-25 तक इसे 15 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा गया है. बिजली नुकसान के मामले में झारखंड राष्ट्रीय स्तर पर छठे स्थान पर है. आठ फीसदी से अधिक बिजली (लाइन) लॉस हो रहा है. जेबीवीएनएल को कम से कम 40 करोड़ तक बिजली लॉस झेलना पड़ रहा है.
लाइन लॉस का मुख्य कारण
झारखंड में लाइन लॉस की कई वजहें हैं. जिसमें 33 केवी लाइन की दूरी अधिक होना है. इससे 1-2 से प्रतिशत तक लाइन लॉस होता है. पुराने वितरण सिस्टम. जिसमें फीडर और डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर का ओवर लोड होना. डिस्ट्रिब्यूशन तार खुले होने के कारण बिजली की चोरी. हर महीने बिजली चोरी का अभियान चलाने और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी बिजली चोरी पर पूर्णत: लगाम नहीं लगाया जा सके. मीटर बाइबास करके और ग्रामीण शहरी क्षेत्रों में हुकिंग करके बिजली चोरी करना अब भी आम बात है.
बिजली वितरण सिस्टम के फैक्ट
-राज्य में 200, 100, 63 एवं 25 केवीए कुल ट्रांसफॉर्मरों की संख्या करीब 1,34,349 लाख है.
-राज्य में 33 केवीए के कुल 738 और 11 केवी के कुल 1821 फीडर हैं.
-राज्य में 11 केवीए लाइन की कुल लंबाई 7,514,46 किमी है.
-राज्य में 33 केवीए लाइन की कुल लंबाई 12000 है.
-राज्य में 33 एवं 11 केवीए के कुल 552 सबस्टेशन हैं.
-राज्य के कुल फीडरों में पावर ट्रासंफॉर्मर की संख्या 7418 है.
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