Ranchi : झारखंड की राजधानी रांची में सफाई को लेकर कई बार आंदोलन किया गया है. कई बार सफाईकर्मियों ने आंदोलन किया है तो कई बार आम जनता के द्वारा सफाई नहीं होने के कारण आंदोलन किया है. रांची को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए हरेक सरकार ने काम किया है. लेकिन आज भी रांची के कई इलाकों में गंदगी फैली हुई है.
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एजेंसियों को कचरा उठाने का काम सौंपा गया है
राजधानी को स्वच्छ बनाने के लिए एजेंसियों को कचरा उठाने का काम सौंपा जाता है. मोटी रकम भी रांची नगर निगम द्वारा एंजेसियों को दी जाती है. लेकिन आज भी रांची में काम कर रही एंजेसियां सफाई करने में विफल दिख रही है. और रांची नगर निगम द्वारा दी जा रही मोटी रकम भी बेकार होती दिख रही है. एजेंसी और नगर निगम रांची को स्वच्छ बनाने में असफल नजर आ रही है. निगम और एजेंसी के लापरवाही की एक और तस्वीर सामने आई है.
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शुक्रवार को ही नगर आयुक्त ने फटकार लगाई गई थी
जहां कचरा हरमू रोड के कार्तिक उरांव चौक के पास बीच सड़क पर बिखरा पड़ा नजर आया है. जिसे देखकर कोई भी रांची को कचरा मुक्त नहीं कह सकता है. और रांची नगर निगम के बार-बार शहर को कचरा मुक्त कराने का दावा उल्टा नजर आ रहा है. बता दें कि एजेंसी के लापरवाही के लिए शुक्रवार को ही नगर आयुक्त ने फटकार लगाई गई थी. बावजूद एजेंसी अपने गैरजिम्मेदाराना हरकत से बाज़ नहीं आ रही है .
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प्रत्येक दिन 600 टन कचरा झिरी के डंप यार्ड में डंप होता है
बता दें कि निगम ने पूरे शहर में कचरों के उठाओ के लिए एजेंसी को काम सौंपा है .पूरे राजधानी का तकरीबन 600 टन कचरा हर रोज झिरी के डंप यार्ड में डंप किया जाता है.मगर इस तस्वीर को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम ने कचरे के डंपिंग के लिए नए जगह का चयन कर लिया है. जिस कारण ही तो बीच सड़क पर फैला कचरा को देख कर भी कचरा उड़ाने वाली गाड़ी नजरअंदाज कर चली जा रही है.
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पार्षद ने जानकारी नहीं होने की बात कही
कचरा बिखरा होने का कारण अबतक पता नही चल पाया है .वही वार्ड 26 के पार्षद अरुण कुमार झा से जब Lagatar के संवाददाता ने इस संबंध में जानकारी हासिल करनी चाही तो उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही. अब सवाल ये है कि आखिर इन हालातों में रांची कैसे रमणिक बनेगा..? और कब तक रांचीवासियों को जगह-जगह फेंके कचरे से छूटकारा मिलेगा.
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