Nitesh Ojha
Ranchi: राज्य में जल्द ही 55,610 शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू होने वाली है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए. इसके लिए जरूरी है कि शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाई जाए.
कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विभाग ने बताया कि सहायक आचार्य के लगभग 50,000 पदों के सृजन के प्रस्ताव पर प्रशासी पदवर्ग समिति की स्वीकृति मिल गई है. अब इसे कैबिनेट में स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा. वहीं, प्लस 2 विद्यालयों में 5,610 शिक्षकों और 690 प्रयोगशाला सहायक के पदों पर बहाली के लिए कार्मिक विभाग को अधियाचना भेजी जा चुकी है. जबकि मॉडल स्कूलों में 979 शिक्षक और 267 प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की समीक्षा की. बैठक में उन्होंने शिक्षक नियुक्ति, मॉडल स्कूलों के संचालन और सरकारी विद्यालयों में आईसीटी कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई निर्देश दिए.
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आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास की व्यवस्था पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में आधुनिक तरीके से बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित की जानी चाहिए. जिन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की व्यवस्था है, वहां सॉफ्टवेयर और ई- कंटेंट को नियमित रूप से अपडेट किया जाना चाहिए. सीएम को बताया गया कि वर्तमान में 974 विद्यालयों में आईसीटी लैब बनाये गये हैं. 2022 के अंत तक 3,920 विद्यालयों में इसे चालू कर दिया जाएगा. माध्यमिक विद्यालयों के साथ मध्य विद्यालय में भी आईसीटी लैब स्थापित करने की योजना पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
विद्यालयों की जियो टैगिंग कराएं- हेमंत
मुख्यमंत्री को बताया गया कि राज्य में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए 89 पिछड़े प्रखंडों में मॉडल स्कूल स्वीकृत किए गए हैं. इनमे 84 स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है. प्रखंड स्तर पर स्थापित इन विद्यालयों में झारखंड एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन होता है. लेकिन, हॉस्टल अथवा परिवहन की सुविधा नहीं होने से बच्चों को स्कूल आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस वजह से कई बच्चे नामांकन नहीं कराते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों में बच्चों के स्कूल में उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए सभी विकल्पों को ध्यान में रखकर आवश्यक कदम उठाएं. उन्होंने ही सभी विद्यालयों का जिओ टैगिंग कराने का भी निर्देश दिया.
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बैठक में वरीय अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा, जेईपीसी की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार मौजूद थे.
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