Ranchi : राजधानी के मेसरा ओपी क्षेत्र स्थित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) की करीब 500 एकड़ जमीन को हड़पने की कोशिश की जा रही है. इस जमीन को भू-माफिया के द्वारा हड़पने का प्रयास किया जा रहा. जमीन को लेकर विवाद की जा रही है. बता दें कि बीते 25 जुलाई को कुछ लोग जमीन को जोतने गए थे. जिन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया था, जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी. जिस जमीन पर भू- माफियाओं की नजर है उनमें होंबई गांव का खाता नंबर 24 के प्लॉट नंबर 386, 330, 349, 385, 400 और 401 खाता नंबर 31 प्लॉट नंबर 387, खाता नंबर 60 प्लॉट नंबर 388, मेसरा गांव के खाता नंबर 132 प्लॉट नंबर 461 सहित कई जमीन शामिल है.
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मामला कराया गया दर्ज
इस मामले में बीआईटी के कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिंह ने सदर थाना में मामला दर्ज कराया है. जिसमें लखन पाहन समेत 70 से 80 ग्रामीणों को आरोपी बनाया गया है. दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि बीते 25 जुलाई की शाम को 4:30 बजे 70 से 80 लोग ट्रैक्टर लेकर पहुंचे और जमीन की जुताई करने लगे. उन्हें जब रोकने की कोशिश की तो धमकी भी दी. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है.
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गलत तरीके से जमीन हड़पने की हो रही है कोशिश
बीआईटी की करीब 500 एकड़ जमीन को भू- माफियाओं के द्वारा गलत तरीके से हड़पने की कोशिश की जा रही है. सरकार द्वारा बीआईटी मेसरा के लिए अधिग्रहित जमीन के दस्तावेज दिए गए हैं. ग्रामीणों का दावा है कि जमीन उनकी है. इस कारण विरोध कर रहे हैं. बीआईटी ने सीआईटी एक्ट का उल्लंघन किया है.
रैयतों और बीआईटी मेसरा के बीच उच्च न्यायालय में मामला चल रहा
बीआईटी मेसरा कॉलेज की अधिग्रहित भूमि पर बीते 25 जुलाई रैयतों द्वारा ट्रैक्टर से की जा रही जोताई को बीआईटी मेसरा ओपी पुलिस ने रोक दिया था. इससे आक्रोशित रैयतों, ग्रामीणों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई थी. बाद में 26 जुलाई को बैठक कर इस मामले पर बात करने का प्रशासन ने आश्वासन देकर मामला शांत कराया गया था. जानकारी के अनुसार बीते रविवार को रैयत खेती के लिए जुताई कर रहे थे. इसी बीच बीआईटी मेसरा की सूचना पर बीआईटी मेसरा ओपी की पुलिस मौके पर पहुंची और खेत जुताई का काम बंद करने को कहा था. इसपर रैयतों ने कहा कि खेत हमारा है और इसे हमलोग जोतेंगे. इसके बाद हो हंगामा शुरू हो गया. वहीं बताया जाता है कि उक्त भूमि जिसपर रैयत ट्रैक्टर चला रहे थे उसे बीआईटी ने थाना बनाने के लिए दी है.
जानकारी के अनुसार जिस भूमि पर रैयत जुताई करने पहुंचे थे उसका खाता नंबर 24 है और रकबा 5 एकड़ 27 डिसमिल है. जिसे बीआईटी मेसरा द्वारा चिन्हित कर मॉडल थाना बनाने के लिए दिया गया है. जिसे लेकर रैयतों और बीआईटी मेसरा के बीच उच्च न्यायालय में मामला भी चल रहा है. जिसपर उच्च न्यायालय द्वारा सीओ को आदेश दिया है कि दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कर मामले की गहनता पूर्वक नियमित जांच करते हुए स्पष्टता किया जाए. साथ ही दोनों पक्ष यथास्थिति बनाए रखें. वहीं आक्रोशित रैयत लखिन्द्र पाहन ने कहा था कि, मॉनसून आ गया है, इसलिए खेती करने के लिए जोताई करा रहे थे.