Ranchi: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देशभर में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है. जनजातियों के विकास के लिए झारखंड समेत देशभर में क्या-क्या हुआ. सरकार की कितनी योजनाएं आदिवासी समुदाय तक पहुंची. जनजातियों के शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य जैसी मुलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए क्या प्रयास हुए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने क्या-क्या हुए इन सब चीजों की चर्चा हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में जनजातियों के सशक्तिकरण के लिए क्या-क्या किया यह भी जानना जरूरी है.
बजट
जनजातीय विकास के लिए मोदी सरकार में वार्षिक बजट में बढ़ोतरी की गई है. 2013-14 में जहां 4295.94 करोड़ बजट था, वह 2023-24 में बढ़कर 12461.88 करोड़ रुपये हो गया.
टीआरआई
2013 में देशभर में 17 ट्राइबल रिसर्च सेंटर थे, 2023 में संख्या बढ़कर 27 हो गई.
देशभर में 10 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय स्थापित किये जा रहे.
शिक्षा
401 एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल आदिवासी क्षेत्रों में खोले गये
3.5 लाख आदिवासी छात्रों के लिए 740 एक्लव्य स्कूल खोलने का लक्ष्य
3 साल में एकलव्य स्कूलों के लिए 38800 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी
एकलव्य स्कूलों का बजट 8 साल में 278 करोड़ से बढ़ाकर 2000 करोड़ किया गया.
जनजातीय कार्य मंत्रालय आदिवासी छात्रों को 5 छात्रवृति योजनाएं दे रहा है.
हर साल 30 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृति दी जा रही है.
आजीविका
3555 वन धन विकास केंद्र खुले
527.77 करोड़ की निधि स्वीकृत की गई
1063171 लाख जनजातीय लाभार्थी
देशभर में 61,636 स्वयं सहायता समूह
जनजातीय उत्पादों की मार्केटिंग
हवाई अड्डों सहित देशभर में 119 आउटलेट खोले गये
2016-17 से 2020-21 तक 130 करोड़ के जनजातीय उत्पादों की बिक्री
जनजातीय कारीगरों के लिए ई-मार्केट प्लेस
जनजाति ब्रांड के लिए अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडिल और जेम के साथ टाइअप
पीवीटीजी के विकास की योजना
18 राज्यों और अंडमान-निकोबार में 75 पीवीटीजी
2014-15 से 2022-23 तक 1910.41 करोड़ जारी की गई