Kaushal Anand
Ranchi: विश्व स्तनपान सप्ताह की शुरूआत सोमवार को महिला, बाल कल्याण मंत्री जोबा मांझी ने की. 7 अगस्त तक यह विशेष अभियान पूरे राज्य में चलेगा. अभियान के तहत स्तनपान से संबंधित भ्रांतियों को दूर किया जाएगा. मंत्री जोबा मांझी ने इससे जुड़े जागरूकता रथ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. साथ ही उन्होंने 6 माह की उम्र पूरे कर चुके बच्चों को अपने हाथों से पोषण आहार खिलाकर प्रोत्साहित किया.
बेहतर कार्य करने वाली सेविकाएं होंगी सम्मानित : मंत्री
विभागीय मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि हमलोग गांव से बिलॉंग करते हैं. गांव में कुपोषण और किशोरियों में अनेमिया की शिकायत बहुत अधिक पायी जाती है. दरअसल इसके पीछे की वजह कुछ और ही है. एक तो किशोरियों के पोषण का ख्याल नहीं रखा जाता है. उपर से कम समय में हमारे किशोरियां मां बन जाती हैं. यही कारण कि न मां स्वस्थ्य होती हैं और न ही बच्चे. इसके प्रति भी जागरूकता फैलानी होगी. बालिकाओं में अनेमिया दूर करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा. स्वास्थ्य विभाग, एनएम, सहिया और सेविका की अहम भूमिका है. मंत्री जोबा मांझी ने घोषणा करते हुए कहा कि जो आंगनबाड़ी सेविकाएं बेहतर कार्य करेंगी विभाग द्वारा उसे सम्मानित किया जाएगा.
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स्तनपान के महत्व के बारे में बताया गया
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक भुनेश्वर प्रताप सिंह ने स्तनपान के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के साथ जो दूध मां का निकलता है, उसको पिलाने को लेकर समाज में कई भ्रातियां फैली हैं. इसे दूर करने की जरूरत है. बच्चे के जन्म के साथ जो पीले रंग का गाढ़ा दूध निकलता है, उसे बच्चों को एक घंटे के अंदर जरूर पिलाना चाहिए. यह दूध नवजात के लिए एंटी बॉडी का काम करता है. कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित करता है. यह बच्चो को कुपोषण से लड़ने में भी सहायक सिद्ध होता है. इसलिए इस भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है.
सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा
उन्होंने आंगनबाड़ी सेविकाओं को जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड में अनेमिया को लेकर एक सर्वे कराया गया है. सर्वे में बहुत चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं, जिन आंगनबाड़ी सेविकाओं को किशोरियों में अनेमिया मुक्ति अभियान में लगाया गया है, उन्हीं सेविकाओं में 60 प्रतिशत अनेमिया पाया गया. यह बहुत सोचनीय प्रश्न है. इसको लेकर पहले खुद ही जागरूक होना होगा.
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अब भी स्तनपान को लेकर 24 फीसदी गैप- छवि रंजन
वहीं समाज कल्याण विभाग के निदेशक छवि रंजन ने कहा कि स्तनपान को लेकर स्थिति में सुधार हुआ है. जहां पांच साल पहले यह आंकड़ा 64 प्रतिशत था वह अब बढ़कर 76.11 प्रतिशत हो गया है. मगर अब भी 24 प्रतिशत का गैप है. इसे दूर करना हम सब के लिए चुनौती है. महिलाओं का स्तनपान को लेकर सजग होना होगा. स्वास्थ्य विभाग और समाज कल्याण विभाग को मिलकर काम करना होगा. हमारे विभाग के सीडीपीओ, डीब्लूओ, सेविका आदि की भूमिका काफी अहम है. हमें गर्भवती महिला और दूध पिलाने वाली महिला के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी. इस मौके पर विभाग के सहायक निदेशक कंचन सिंह, अफसर, सेविकाएं सहित कई उपस्थित थे.