Ranchi : बोकारो जिले में पदस्थापित इंस्पेक्टर नूतन मोदी के घर काम करने वाली नाबालिग लड़की ने फांसी लगा ली. नूतन मोदी ने पुलिस प्रशासन को बिना किसी भी प्रकार की सूचना दिये नाबालिग को मेदांता अस्पताल, ईरबा रांची में भर्ती कराया. इसे लेकर चाइल्ड राइट्स फाउंडेशन के सचिव बैजनाथ कुमार ने डीजीपी को पत्र लिखकर पूरे मामले की सीआईडी जांच कराने का अनुरोध किया है.
क्या है मामला
दरअसल, बैजनाथ कुमार ने डीजीपी को शिकायत पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि कोडरमा जिले के सतगांवा थाना में बीते आठ अक्टूबर 2020 को नाबालिग लड़की के भाई गौरव कुमार, सौरव कुमार और नूतन मोदी के पिता सुरेश प्रसाद मोदी के बीच इस बात का समाझौता हुआ कि गौरव और सौरव की नाबालिग बहन स्वेच्छा से अपनी चाची नूतन मोदी के पास पढ़ाई करने के लिए रहेगी. इस समझौते के तहत ही दोनों भाई सहमत हुए कि इनकी सगी चाची नूतन मोदी के पास रहने के दौरान किसी भी प्रकार से नाबालिग को परेशान नहीं किया जाएगा. इसके बाद नाबालिग लड़की चाची नूतन मोदी के पास रहने लगी. मगर नाबालिग को पढ़ाने की बजाए उससे घर का काम कराया जाने लगा. इस बात का जिक्र पत्र में किया गया है. जिससे बीते दस नवंबर 2023 की सुबह के करीब 08.30 बजे यातायात थाना प्रभारी बोकारो नूतन मोदी ने नाबालिग के भाई को फोन पर सूचना दी कि उनकी बहन ने फांसी लगा ली है.
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इस संबंध में लड़की के भाई ने थाना प्रभारी सतगांवा, कोडरमा को लिखित में सूचित भी दी है. बता दें कि नूतन मोदी यातायात थाना प्रभारी, बोकारो द्वारा पुलिस प्रशासन को बिना किसी प्रकार की सूचना दिये मेदांता अस्पताल, ईरबा में भर्ती करवाया. पत्र में लिखा गया है कि नाबालिग द्वारा फांसी लगाए जाने के बाद इलाज करवाया गया, लेकिन इस संबंध में यदि किसी प्रकार की सूचना पुलिस को दी गई तो इसकी जानकारी मुझे (भाई को) नहीं है. इस पूरे घटनाक्रम में नूतन मोदी, यातायात थाना प्रभारी, बोकारो, की कार्यशैली गलत और संदेहात्मक प्रतीत होती है, साथ ही सीडब्लूएसी कोडरमा और बोकारो से अनुमति लिए बगैर ही किसी भी नाबालिग बच्ची से बाल मजदूरी करवाना जेजे एक्ट के तहत गैर कानूनी और अपराध है.
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