Ranchi : बरियातू स्थित वनवासी कल्याण केंद्र आरोग्य भवन में सोमवार को बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत जनजाति महापुरुषों की प्रतिमा पर पुष्प माला एवं दीप प्रज्वलित करके की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता जगलाल पहान, प्रस्तावना डॉक्टर सुखी उराव एवं संचालन प्रदीप लकड़ा जबकि धन्यवाद ज्ञापन नकुल तिर्की ने की. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद सुदर्शन भगत थे.
इसे भी पढ़ें –झारखंड में उद्योग की अपार संभावनाएं हैं : मिथिलेश ठाकुर
गलत चीजों का बिरसा मुंडा ने विरोध किया- सुदर्शन भगत
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जब पांचवी क्लास में पढ़ रहे थे, उस समय उनकी जटा काट दी गई थी. गलत चीजें करने के लिए दबाव डाला जाने लगा. उसी समय से बिरसा मुंडा का संघर्ष शुरू हुआ. आनंद पांडे से बिरसा मुंडा की भेंट हुई और रामायण एवं भागवत कथा का श्रवण करने लगे. सुदर्शन भगत ने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने 1970 के दशक में एक बिल लाए थे जिनमें यह स्पष्ट कहा गया था जो जनजाति अपनी परंपरा, रीति रिवाज, संस्कृति छोड़ अन्य धर्म ईसाई और इस्लाम अपना लिए हैं. उन्हें आदिवासी समुदाय की सुविधा नहीं मिलनी चाहिए.
इसे भी पढ़ें –50 हजार घूस मांगने वाला दरोगा सस्पेंड, रांची एसएसपी ने की कार्रवाई
नशा से दूर रहने की अपील
वहीं विशेष अतिथि डॉ सतीश मिर्धा ने कहा कि आज के युवा वर्ग को विशेष रुप से पहानों के द्वारा या अन्य बुद्धिजीवी जनजातियों के द्वारा नशा पान से दूर रखने के लिए एक मुहिम चलाने की आवश्यकता है. कार्यक्रम को सफल बनाने में संदीप उरांव, तुलसी प्रसाद गुप्ता, विजय केसरी, देवकी मुंडा, अंजली लकड़ा, पिंकी खोया, आरती कुजूर, फागुनी मुंडा, रोशन मुंडा, सनी टोप्पो, दिलीप मुंडा, थानो मुंडा, जय मंत्री उराव, बालेश्वर पहान ,सुनील कुमार सिंह और सोमा उरांव की प्रमुख भूमिका रही.