Shubham Kishore
Ranchi: झारखंड के वायरलेस विभाग में पदस्थापित खेल विभाग की निदेशक के अतिरिक्त प्रभार पर पदस्थापित सरोजनी लकड़ा आईपीएस बनने जा रही हैं. सोमवार को यूपीएसएसी के दिल्ली स्थित ऑफिस में हुई सलेक्शन कमेटी की बैठक में 24 अफसरों को प्रोन्नति देने पर सहमति बनी. खेल कोटा से बहाल सरोजनी लकड़ा और अमेल्डा एक्का को आईपीएस में प्रोन्नति दी गई है. इसकी औपचारिक घोषणा अभी बाकी है.
सरोजनी लकड़ा का जन्म 3 सितंबर 1967 को लातेहार (तत्कालीन पलामू) जिले के रामसेली में हुआ. पिता का नाम स्व. बलासियास लकड़ा और मां सबीना बेक हैं. छोटी उम्र से ही खेल में अपना करियर बनाने की चाहत में सरोजनी ने संत टेरेसा उच्च विद्यालय, महुआडांड़ के एथलेटिक्स सेंटर में दाखिला लिया.
1984 से ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा से पदकों का सिलसिला शुरू हुआ वो 1992 दिल्ली में आयोजित एशियन गेम्स के ट्रैक एंड फील्ड प्रतियोगिता में हुई इंजुरी के बाद थमा. इस समय वो अपने खेल के कैरियर के पीक पर थीं.
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कब हुआ प्रमोशन
31 दिसंबर 1986 की सरोजनी लकड़ा की रांची जिला बल में आरक्षी (सिपाही) के पद पर सीधी नियुक्ति हुई.
1991 में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बनीं
27 जून 2008 में डीएसपी
19 फरवरी 2014 में सीनियर डीएसपी
2019 में एएसपी
1984 में जीता पहला पदक
1984 में एसजीफआई दिल्ली में जैवलिन (भाला फेंक) स्पर्धा में पहला पदक जीता था. इसके अलावा, 100 मीटर हर्डल, 100 और 400 मीटर रिले, हाई जंप, लॉन्ग जंप और हेप्याटलन में दर्जनों पदक जीते. राज्य व देश के लिए सरोजनी ने 1992 तक प्रतिनिधित्व किया, जबकि ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में उन्होंने 1994 तक भाग लिया.
शिक्षा
रांची विश्वविद्यालय से 1989-1991 में बीए
1989-1991 में इतिहास में ऑनर्स (उस वक्त स्नातक की पढ़ाई दो साल की होती थी, एक साल ऑनर्स का कोर्स)
1993-94 में कोलकाता से एनआईएस, फिर जर्मनी भाषा में गुटेनबर्ग यूनिवर्सिटी से स्पोर्ट्स साइंस में डिप्लोमा हासिल किया.
2016-18 में जर्मनी से ओलंपिक स्टडी में पार्ट टाइम एमए
गुरुजी शिबू सोरेन ने कई बार दिलाई आर्थिक मदद
तत्कालिन बिहार में लालू यादव की सरकार थी. तब अच्छे प्रदर्शन के लिए विशेष पुरस्कार और एनआईएस कि पढ़ाई में आनेवाले पूरा खर्च गुरुजी शिबू सोरेन की अनुशंसा पर ही राज्य सरकार ने उठाया था. कई बार 4-4 हजार रुपए का विशेष पुरस्कार मिला था. उस वक्त खिलाड़ियों के लिए ये राशि काफी बड़ी रकम होती थी. आउट ऑफ टर्न प्रमोशन कराने में भी गुरुजी का भरपूर सहयोग रहा था.
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डॉ रामेश्वर उरांव, अमिताभ चौधरी, आर आर प्रसाद, जयवर्धन शर्मा, और रेजी डुंगडुंग के मार्गदर्शन में यहां तक पहुंची : सरोजनी लकड़ा
सरोजनी लकड़ा ने बताया कि उनके कैरियर में कई वरीय पुलिस अधिकारियों का उन्हें आगे बढ़ाने में हाथ रहा. डॉ रामेश्वर उरांव ने घर से बुलाकर सिपाही की नौकरी दी. पूर्व DGP आर आर प्रसाद , जयवर्धन शर्मा, अमिताभ चौधरी, रेज़ी डुंगडुंग और वर्तमान में आर के मलिक आशीर्वाद और मार्गदर्शन की बदौलत ही यहां तक पहुंची हूं. आज जहां भी हूं, जैसी भी हूं सभी अधिकारियों के मार्गदर्शन के बगैर ये संभव नहीं होता.