Tarun Choubey
Ranchi: रांची के 9 वार्डों में सीवरेज-ड्रेनेज के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है. इन 9 में से 6 वार्ड में पाइप बिछाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है. वार्ड 1, 5 और 32, 33, 34 और 35 के इलाकों में पाइपलाइन बिछाने का काम अंतिम चरण में है. पाइपलाइन बिछे इलाकों के घरों से निकलने वाला गंदे पानी को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा. इसके लिए रांची नगर निगम ने टेंडर जारी कर दिया है. लेकिन रांची नगर निगम को पथ निर्माण विभाग और एनएचआई से एनओसी नहीं मिला है. इसके कारण कुछ क्षेत्रों में काम शुरू ही नहीं हो पाया है. इन इलाकों में काम शुरू करने के लिए रांची नगर निगम द्वारा विभाग को कई बार पत्र लिखा जा रहा है. एनओसी नहीं मिलने के कारण बरियातू रोड, रातू रोड और कांके रोड में पाइप बिछाने का काम भी नहीं शुरू हो पा रहा है.
क्यों नहीं मिल पा रहा एनओसी
जिस जगह पर इस योजना के लिए (रातू रोड) मेन सीवर लाइन बिछनी थी, वहां एलिवेटेड प्लाईओवर निर्माण काम शुरू हो गया है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अब साफ कर दिया है कि जमीन की कमी के कारण वह सीवर लाइन के लिए एनओसी नहीं दे सकता. इसी तरह पथ निर्माण विभाग (आरसीडी) ने भी एनओसी देने से इन्कार कर दिया है. स्थिति यह है कि जोन-वन के तहत 80 प्रतिशत होने के बाद अब योजना काम भविष्य अधर में लटक गया है.
रांची नगर निगम का कहना है कि बिना एनओसी के काम शुरू करना संभव नहीं है. बता दें कि रांची नगर निगम ने 26 अगस्त 2021 को एनएचएआई से एनओसी मांगा था, जो उसे अंत तक नहीं दिया गया. साफ है कि इस बार के मानसून सीजन में भी राजधानी के लोगों को राहत नहीं मिलने वाली. 9 साल में 190 करोड़ खर्च होने के बाद भी गंदा पानी सड़कों पर बहेगी.
जनवरी 2014 को योजना की मिली थी स्वीकृति
दरअसल, सीवरेज-ड्रेनेज योजना जोन वन के लिए केंद्र सरकार ने 21 जनवरी 2014 को 302.25 करोड़ रुपए राशि की अनुमति दी थी. योजना का काम 31 मार्च 2017 तक पूरा होना था. कुछ न कुछ कारणों से यह टलता रहा और अब स्थिति यह है कि प्रस्तावित सड़कों पर दूसरी योजनाओं का निर्माण शुरू हो गया है. पूरी योजना में अभी तक करीब 190 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. जोन-वन के तहत वार्ड 1 से 5 और 30 से 33 के बीच सिवरेज ड्रेनेज पाइपलाइन बिछाना है. बड़गाईं में 45 करोड़ रुपये की लागत से सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनकर तैयार है. कांके रोड स्थित मिशन गली में सीवरेज पंपिग स्टेशन (एसपीएस) भी लगभग तैयार है. एनओसी वाली सड़क पर मेन सीवर लाइन बिछे बिना योजना का धरातल पर उतरना संभव नहीं हैं.
इन सड़कों के लिए नहीं मिली एनओसी
– एनएचएआई की पंडरा से पिस्का मोड़ और मेजर कोठी से पिस्का मोड़ तक.
– आरसीडी की कांके रोड के प्रेससंस मोटर्स से चांदनी चौक और बरियातू रोड़ के वर्ल्ड बुद्धा फाउंडेशन से बड़गाईं चौक तक.
डुमरदगा में दो महीने में शूरू होगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
शहर के ड्रेनेज सिस्टम से इकट्ठा होने वाले पानी बड़गाई के डुमरदगा में निर्माण हो रहे है, प्लांट में जाएगा. तैयार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण प्लांट शुरू नहीं हो पाया था. लेकिन अब दो माह में बिजली मिलने के बाद शुरू हो जाएगा. प्लांट में लगे हैवी मोटर पंप समेत बिजली चलित अन्य उपकरणों के लिए बिजली की आपूर्ति बहाल करने को लेकर काम शुरू हो गया है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के रांची एरिया बोर्ड की ओर से राजधानी के पहले सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े प्लांट के लिए बूटी में पानी टंकी पावर सब स्टेशन से लाइन दिया जाएगा. इसके लिए सब स्टेशन में पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता को बढ़ाई जा रही है. प्लांट कि क्षमता को पांच मेगा वोल्ट एम्पियर से बढ़ाकर 10 एमवीए कर दिया गया है. प्लांट को 4.5 किलोमीटर का बिजली कनेक्शन दिया जाएगा. वहीं, सब स्टेशन से डुमरदगा प्लांट तक भूमिगत इलेक्ट्रिक केबल बिछाया जाएगा. 37 एमएलडी की क्षमता वाले प्लांट को निगम के आठ वार्ड क्षेत्र के 218 करोड़ रुपये की योजना में सीवरेज सिस्टम से जोड़ा जाएगा.