Ranchi: दुमका पुलिस के समक्ष बीते चार अगस्त को सरेंडर करने वाले नक्सली गंगा प्रसाद राय की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार, दुमका पुलिस और एसएसबी के सामने सरेंडर करने के बाद वो जेल में बंद था. बीते 17 अगस्त को उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान नक्सली की मौत हो गई.
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रिम्स में कराया गया था भर्ती
नक्सली गंगा प्रसाद राय को जब दुमका केंद्रीय कारा में ले जाया गया, तो दूसरे दिन ही दिन उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह बीमार रहने लगा. 13 अगस्त को उसे दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां जांच में पता चला कि उसे असाध्य रोग है और उसके शरीर में खून नहीं बन रहा है. 17 अगस्त को उसकी तबीयत और अधिक बिगड़ गई. उसके बाद केंद्रीय कारा प्रशासन के द्वारा गंगा प्रसाद राय को रांची रिम्स इलाज के लिए भेज दिया गया. जहां शनिवार शाम उसकी मौत हो गई.
दुमका पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था
दुमका जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र के सरुआपानी गांव के रहने वाले गंगा प्रसाद राय जो नक्सली कमांडर ताला दा के दस्ते में शामिल था. उसने पिछले महीने चार अगस्त को दुमका डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल, एसएसबी के डीआईजी टी दोरजे और दुमका डीसी रविशंकर शुक्ला और एसपी अंबर लकड़ा के समक्ष सरेंडर कर दिया था. गंगा प्रसाद राय ने बताया था कि वह नक्सलियों के झांसे में आकर उनके साथ हो गया था, पर अब वह समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहता है. झारखंड सरकार के प्रत्यार्पण और पुनर्वास योजना के तहत उसे तत्काल एक लाख रुपये दिये गए थे, साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी जानी थी.
कई घटनाओं में था शामिल
नक्सली गंगा प्रसाद राय दुमका के काठीकुंड का रहने वाला था. पुलिस के अनुसार, वह 2014 से 2021 तक भाकपा माओवादी के दस्ते में रहा. इस दौरान इसने कई घटनाओं को अंजाम दिया. दुमका पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी. दुमका पुलिस के अनुसार वर्ष 2016 में दुमका के काठीकुंड में उग्रवादियों द्वारा नाजायज मजमा लगाकर विस्फोटक पदार्थ को छिपाकर रखा गया था. जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया था. इस कांड में ये गंगा प्रसाद राय शामिल था. वर्ष 2016 में अमड़ापाड़ा में लेवी नहीं देने पर उग्रवादियों को गांव में बुलाकर जानलेवा हमला कराने का प्रयास करने के मामले में भी ये नक्सली शामिल रहा था.
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