Kaushal kumar
Ranchi: झारखंड के मनरेगा कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं. अपनी मांगों की पूर्ति के लिए 14 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं. अभी तक मनरेगा कर्मियों को ना तो सेवा स्थाई की गई है ना ही वेतनमान दिया गया है. सरकार बनने से पहले हेमंत सोरेन ने मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थाई करने और वेतनमान देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभीतक इस संदर्भ में ठोस फैसला नहीं लिया गया.
बेमियादी हड़ताल भी हुई थी
मनरेगा कर्मियों ने 27 जुलाई 2020 से 10 सितंबर 2020 तक अपनी मांगों के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी. ग्रामीण विकास विभाग के विभागीय अधिकारियों के आश्वासन पर आंदोलन वापस लेकर काम पर कर्मचारी लौट गये थे. लेकिन 2 वर्ष समय बीत जाने के उपरांत भी मांगों की पूर्ति नहीं की गई.
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सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
मनरेगाकर्मियों के नेता जॉन पीटर बागे ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया. बता दें कि नौकरी स्थाई करने, मानदेय बढ़ोतरी, बीमा मुआवजा और ईपीएफ कटौती के प्रावधान की मांग गई थी. लेकिन इस संदर्भ में कैबिनेट मीटिंग में कौई फैसला नहीं लिया गया.
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आंदोलन तेज करेंगे मनरेगाकर्मी
मनरेगा कर्मचारी संघ ने बैठक कर यह निर्णय लिया कि राज्यभर के मनरेगा कर्मी सभी विधायकों से मिलकर अपनी समस्याओं, मांगों और सरकार की वादाखिलाफी से अवगत करायेंगे. मानसून सत्र के दौरान 1 अगस्त को एकदिवसीय विधानसभा का घेराव करेंगे. वहीदं 8 अगस्त क्रांति के दिन मंत्री के आवास का घेराव करेंगे.
घेरा डालो, डेरा डालो कार्यक्रम
मनरेगाकर्मी रांची के बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मंत्री ग्रामीण विकास विभाग आलमगीर आलम के रांची स्थित आवास पर घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम चलाएंगे. वहीं मांग पूर्ति होने तक चरणबद्ध आंदोलन करने का भी ऐलान किया गया है. बता दें कि 18 से 28 जुलाई तक मनरेगा कर्मी 81 विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में ज्ञापन सौंपेंगे.
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मनरेगाकर्मियों की मांगें
1 झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडे एवं धनबाद जिला अध्यक्ष मुकेश राम को पुनः सेवा बहाल किया जाए
2 सेवा शर्त एवं नियुक्ति नियमावली 2007 में संशोधन किया जाए
3 झारखंड राज्य में कार्यरत सभी मनरेगा कर्मियों की सेवा को अस्थाई किया जाए
4 स्थाई किए जाने की तिथि तक पद एवं कोटि के अनुरूप ग्रेड पे के साथ वेतनमान दिया जाए और प्रत्येक वर्ष वेतन में 10% इंक्रीमेंट की व्यवस्था की जाए
5 मनरेगा कर्मियों को 50 लाख का जीवन बीमा का लाभ दिया जाए
6 बर्खास्तगी पर रोक एवं बर्खास्त मनरेगा कर्मियों की सेवा वापसी की जाए
7 सरकारी नियुक्तियों में आरक्षण एवं उम्र सीमा में छूट दिया जाए
8 ईपीएफ कटौती लागू की जाए