Ranchi: आदिवासी मूलवासी महासभा की ओर से जेपीएससी नियमावली 2021 और स्थानीय नियोजन नीति के साथ-साथ बैकलॉग नियुक्ति और अन्य मामलों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया.
महासभा ने कहा कि आदिवासी मूलवासी के अधिकारों को छीनने की कोशिश हो रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. झारखंड बनने के बाद जिस उद्देश्य के साथ जेपीएससी का गठन हुआ है. उन उद्देश्यों को पूरा नहीं किया जा रहा है. इसका विरोध सड़क से सदन तक होगा. इस दौरान राज्य सरकार से नीतिसंगत फैसला लेने की मांग की गई.
दरअसल आदिवासी मूलवासी महासभा झारखंड की ओर से जेपीएससी नई नियमावली 2021 को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. इनकी मानें तो राज्य के आदिवासी और मूलवासी अभ्यर्थियों को एक बार फिर छलने का काम राज्य सरकार के इस नियमावली में किया जाएगा. इसलिए इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा.
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आदिवासी मूलवासी सभा की ओर से 13 फरवरी को एक परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा. इसमें तमाम सामाजिक संगठनों को भी आमंत्रित किया जाएगा. इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान धर्मगुरु बंधन तिग्गा और करमा उरांव समेत कई लोग शामिल हुए. मौके पर कहा कि हेमंत सरकार पर दबाव नहीं बनाया जा रहा है. बल्कि उन्हें जेपीएससी की नई नियमावली की विसंगतियों के संबंध में अवगत कराया जा रहा है.
झारखंड में स्पष्ट स्थानीय नियोजन नीति बननी चाहिए. जब तक नहीं बनेगी तब तक झारखंड का विकास नहीं होगा. ना ही राज्य के आदिवासी मूलवासी को उनका हक मिल पाएगा. इस नियमावली में भी ऐसी कई विसंगतियां है, जिसका विरोध पुरजोर तरीके से लगातार किया जा रहा है.
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