Ranchi: रांची नगर निगम मेयर पद एसटी से हटा कर एससी करने का मामला गरमाता जा रहा है. पहले से इसका विरोध कर रहे आदिवासी संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि झारखंड में रांची पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में आता है. अफसर इसका उल्लंघन कर आदिवासियों के प्रतिनिधित्व को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं. प्रतिनिधियों ने कहा कि एक ही शिडयूल एरिया में पंचायत चुनाव विशेष कानून के तहत और नगर निकायों का चुनाव सामान्य कानून से हो. यह संविधान विरोधी, आदिवासी विरोधी और पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों का घोर उल्लंघन है. राज्य निर्वाचन आयोग झारखंड द्वारा कराये जा रहे इस चुनाव से आदिवासियों का प्रतिनिधित्व शिड्यूल एरिया में भी समाप्त हो रहा है. संथाल परगना प्रमंडल के दुमका, साहेबगंज, पाकुड़, जामताड़ा , कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खारसांवा, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के रांची जिले में नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के एकल पद अनारक्षित या अनुसूचित जाति का कर दिया गया है. जबकि ये सभी क्षेत्र पांचवीं अनुसूची जिलों के अन्तर्गत आते हैं.
पांचवी अनुसूची क्षेत्र में नगरीय चुनाव एकल पद का चुनाव विशेष कानून बनाकर हो
मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा गया कि इसकी गंभीरता को देखते हुए अविलंब नगर निकायों का चुनाव को रोका जाए. पांचवीं अनुसूची जिलों के नगरीय क्षेत्र में एकल पद आदिवासियों का रिजर्व के लिए नगरपालिका अधिनियम का विशेष कानून बनाकर ही यह चुनाव कराया जाए.
सीएम से इनलोगों ने की मुलाकात
मुख्यमंत्री से मिलने वालों में अजय तिर्की, लक्ष्मी नारायण मुंडा, प्रेम शाही मुंडा, बबलू मुंडा, प्रवीण उरांव, कृष्णकांत टोप्पो, अभय भुटकुंवर,अजीत उरांव, डब्लू मुंडा, निरंजना हेरेंज, कुंदरुसी मुंडा, राहुल उरांव, नवनीत उरांव, अजय कच्छप, मानू तिग्गा और हलधर पाहन शामिल थे.
इसे भी पढ़ें– मेरी क्या औकात, मैं तो सेवादार हूं, नौकर हूं : नरेंद्र मोदी