Pravin Kumar
Ranchi : रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सरकार ने इनके खिलाफ दो मामलों की जांच का आदेश दिया है. रांची की दो जमीन के मामले में कार्मिक, प्रशासनिक विभाग ने तत्कालीन छवि रंजन के खिलाफ जांच का आदेश दिया है. छवि रंजन के विरूद्ध रांची की दो जमीन, बड़गाईं में सेना के कब्जेवाली जमीन और दूसरा हेहल अंचल के बाजरा मौजा की जमीन का मामला है.
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एक साथ 83 साल का लगान रसीद काटा गया
छवि रंजन पर आरोप है कि उनके डीसी रहते बड़गाईं अंचल के मोरहाबादी मौजा की सेना के कब्जेवाली एमएस प्लॉट संख्या 557 की 4.5 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री हुई. दूसरा मामला हेहल अंचल के बजरा मौजा के खाता नंबर 140 की 7.16 एकड़ जमीन से जुड़ा है. इस जमीन की रजिस्ट्री से पहले आईएएस छवि रंजन के निर्देश पर एक साथ 83 साल का लगान रसीद काटा गया था. इस जमीन पर हूल दिवस के दिन रात के अंधेरे में पुलिस की मौजूदगी में चाहरदिवारी करवायी गयी थी. चाहरदिवारी करने के लिए पुलिस बल उपलब्ध कराने के लिए तत्कालीन डीसी छवि रंजन के गोपनीय कार्यालय से आदेश जारी किया गया था. बतातें चलें कि वर्तमान में छवि रंजन समाज कल्याण निदेशालय में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं.
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आईएएस छवि रंजन के खिलाफ किन आरोपी की सरकार करा रही है जांच
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हेहल अंचल के बजरा मौजा की जमीन के मामले में कहा गया है कि उपायुक्त रहते छवि रंजन द्वारा पारित आदेश पूरी तरह से गैरकानूनी, संदेहजनक और आपराधिक साजिश का मामला प्रतीत होता है. आरोप को लेकर पूर्व में भी प्रमुख सचिव राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग झारखंड से मंतव्य मांगा गया था, जो अब तक नहीं मिला है. वही बड़गाईं अंचल के मोरहाबादी मौजा की जमीन सेना की कब्जे में है. इस जमीन के मामले में कहा गया है कि उपायुक्त रहते हुए छवि रंजन द्वारा अनियमितता बरती गयी और रजिस्ट्री करा दी गयी, जो कि एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है. किसी निजी व्यक्ति को आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जमीन के मामले में हेराफेरी और आपराधिक साजिश की गयी है.
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