सिंदरी, धनबाद क्लब व भूली में होगा आयोजन
Dhanbad : धनबाद में दशहरा के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक रावण के पुतले का दहन दशकों से होता आया है. इस वर्ष जिले में तीन स्थानों पर रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन होगा. इनमें सबसे पुराना रावण दहन कार्यक्रम सिंदरी में, जबकि धनबाद क्लब में वर्ष 2014 से हो रहा है. इस बार ज़िले में रावण दहन पर कुल करीब सात लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है.
धनबाद क्लब में 3 लाख रुपए में बने हैं रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले
धनबाद क्लब में तीन लाख रुपए की लागत से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले तैयार किए गए हैं. क्लब के सचिव संजीव वियोत्रा ने बताया कि 65 फीट का रावण और 40-40 फीट के कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले तैयार करने में लगभग ढाई लाख रुपये लगे हैं. आतिशबाजी और अन्य अन्य तैयारी पर 50 हज़ार रुपए लागत आई है. यानी यहां रावण दहन पर कुल तीन लाख रुपए खर्च होंगे.
सिंदरी में 1956 में शुरू हुआ था रावण दहन
सिंदरी में रावण दहन की शुरुआत वर्ष 1956 में हुई थी. इस वर्ष यहां रावण दहन कार्यक्रम पर कुल करीब तीन लाख रुपए खर्च होंगे. यह जानकारी शिव मंदिर कमेटी शहरपुरा, सिंदरी के सचिव दिनेश सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि 26 दिनों में 65 फीट ऊंचा और 40 फीट चौड़ा रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है.पुतला निर्माण पर एक लाख 50 हजार रुपए व पटाखों पर 75 हजार रुपए खर्च होंगे. इसके अलावा अन्य तैयारियों पर 75 हजार रुपए खर्च होने का अनुमान है.
भूली बी-ब्लॉक में बन रहा 35 फीट ऊंचा रावण
धनबाद के भूली बी-ब्लॉक में इस वर्ष 35 फीट ऊंचा रावण का पुतला जलाया जाएगा. कारीगर बीते 24 दिनों से पुतला निर्माण में व्यस्त है. इस वर्ष रावण दहन कार्यक्रम का बजट एक लाख रुपए का है. इस राशि में रावण के पुतले का निर्माण और आतिशबाजी शामिल है. भूली बी-ब्लॉक रावण दहन कमेटी के अध्यक्ष रोशन कुमार ने बताया कि यहां रावण दहन कार्यक्रम वर्ष 2000 में शुरू हुआ था और 23 वर्षों से यह सिलसिला जारी है.
यह भी पढ़ें : धनबाद : शास्त्री नगर में कन्या पूजन का भोग बनाते समय लगी आग, अफरातफरी