LagatarDesk : आरबीआई वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार को 30,307 करोड़ का डिविडेंट देगा. सेंट्रल बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 596वीं बैठक में इसको मंजूरी दी है. इसके अलावा कंटिंजेंसी रिस्क बफर को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की गयी थी. इसके बाद वर्तमान आर्थिक समीक्षा की गयी. (अगले सीजन भी CSK की कमान संभालेंगे महेंद्र सिंह धोनी, दिखायेंगे बल्ले का जादू)
596th Meeting of Central Board of the Reserve Bank of Indiahttps://t.co/x4FoAmSnqx
— ReserveBankOfIndia (@RBI) May 20, 2022
मई 2021 से लागू हुई डिविडेंड की नयी व्यवस्था
बता दें कि मई 2021 में रिजर्व बैंक ने जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक (9 महीनों के लिए) सरकार को 99,122 करोड़ डिविडेंड देने की घोषणा की थी. साथ ही आरबीआई ने डिविडेंड के लिए भी वित्त वर्ष के आधार पर भुगतान की व्यवस्था लागू कर दी थी. इससे पहले सेंट्रल बैंक जुलाई-जून की अव धि के आधार पर डिविडेंड की घोषणा करता था.
मालूम हो कि बोर्ड ने अपनी बैठक में वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और हाल के भू-राजनीतिक विकास के प्रभाव की भी समीक्षा की. इसके अलावा अप्रैल 2021 – मार्च 2022 के दौरान आरबीआई के कामकाज पर चर्चा की गयी. साथ ही 2021-22 के लिए वार्षिक रिपोर्ट और खातों को मंजूरी दी गयी.
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वित्त वर्ष में 73,948 करोड़ डिविडेंड मिलने का था अनुमान
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया था. उस समय सीतारमण ने अनुमान लगाया था कि केंद्रीय बैंक और सरकार के स्वामित्व वाले दूसरे बैंकों से 73,948 करोड़ डिविडेंड मिलेगा. यह वित्त वर्ष 2021-22 में प्राप्त 1.01 लाख करोड़ से 27 प्रतिशत कम है.
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RBI ने सरकार को 2018-19 में दिये थे 1.76 लाख करोड़
आरबीआई का नया लाभांश पिछले वर्ष की तुलना में कम है. केंद्रीय बैंक को अपने लिक्विड मैनेजमेंट कार्यों से कम ब्याज आय प्राप्त होने की संभावना है. 2018-19 में RBI ने सरकार को कुल 1.76 लाख करोड़ का भुगतान किया था. जिसमें से 1.23 लाख करोड़ लाभांश के रूप में थे. वहीं 52,637 करोड़ संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे (ECF) के अनुसार पहचाने गये अतिरिक्त प्रावधानों के लिए थे.
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