Ranchi: रांची जिला बार एसोसिएशन के चुनाव की घोषणा के बाद प्रत्याशी नामांकन और चुनाव प्रचार में लग गए हैं. कोर्ट में प्रैक्टिस करने के बाद समय निकालकर प्रत्याशी वकीलों के पास उनके टेबल पर जाकर उनके पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं. वहीं चुनाव की घोषणा के बाद वकीलों के बीच गुटबाजी भी शुरू हो गयी है. सिविल कोर्ट के करीब 2125 अधिवक्ता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अगले दो वर्षों तक उनका प्रतिनिधित्व करने वाली कार्यकारिणी का चुनाव करेंगे. इस वर्ष होने वाला बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने की उम्मीद की जा रही है.
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वर्तमान कमिटी में रह चुके प्रत्याशियों के लिए चुनाव आसान नहीं
जिले के अधिवक्ता इस कोरोना काल में वर्तमान कमिटी द्वारा कोरोना काल में उनके हितों के लिए उठाये गए कदम और प्रयासों के साथ अन्य मुद्दों को लेकर इसबार मतदान करने के मूड में हैं. इसलिए वर्तमान कमिटी में रह चुके प्रत्याशियों के लिए यह चुनाव ज्यादा आसान होता नहीं दिख रहा है. रांची जिला बार एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष और 7 बार रांची के वकीलों का प्रतिनिधित्व कर चुके रांची सिविल कोर्ट के वरीय अधिवक्ता शंभू अग्रवाल के खिलाफ अनिल पराशर ने अपनी उम्मीदवारी का एलान कर दिया हैं.
महासचिव के पद पर पूर्व महासचिव एवं स्टेट बार काउंसिल के सदस्य संजय विद्रोही, आशीर्वाद बेदिया और अनिल कंठ ने नामांकन कर दिया है. इस बीच सीविल कोर्ट के वकीलों के बीच यह चर्चा भी जोरों पर है कि निवर्तमान कमिटी में कोषाध्यक्ष रहे अमर कुमार भी महासचिव पद के लिए ताल ठोकते हुए नज़र आ सकते हैं. उनके इस कदम से किसे नुकसान होगा और किसे फायदा यह देखना भी काफी महत्वपूर्ण होगा. प्रशासनिक सचिव के पद पर काबिज़ पवन खत्री को अभिषेक कुमार भारती, भरत चंद्र महतो और प्रदीप चौरसिया से टक्कर मिलना तय माना जा रहा है.