Ranchi : हजारीबाग में केंद्र सरकार द्वारा मूक बधिरों के चलाई जा रही योजना में प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों को मानदेय भुगतान नहीं होने के बाद हाईकोर्ट में दाखिल अवमानना वाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. शुक्रवार को हजारीबाग की DC नैन्सी सहाय भी झारखंड हाईकोर्ट में सशरीर उपस्थित हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अधिवक्ता को मामले का हल निकालने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 4 नवंबर की तिथि निर्धारित की है. पढ़ें – कौन बनेगा कांग्रेस अध्यक्ष -गहलोत या दिग्विजय ?
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केंद्र सरकार से राशि का आवंटन नहीं हो रहा
सुनवाई के दौरान हजारीबाग DC नैन्सी सहाय ने अदालत को बताया कि वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2017 तक प्रशिक्षकों से काम तो लिया गया, लेकिन उनके मानदेय का भुगतान नही हुआ. क्योंकि केंद्र सरकार से राशि का आवंटन नहीं हो रहा है. झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रभात कुमार एवं शिवानी कपूर ने राज्य सरकार का पक्ष रखा. जबकि केंद्र सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता और ASGI अनिल कुमार सिन्हा ने पक्ष रखा. इस संबंध में चंद्र मौली पांडेय ने अवमानना याचिका दाखिल की है. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डा एस एन पाठक की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.
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