Shubham Kishore
Ranchi: मुख्यमंत्री आमंत्रण फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन पूरे राज्य भर में पंचायत, प्रखंड, जिला और जोनल स्तर पर हो रहा है. वास्तव में फुटबॉल नहीं कुव्यवस्था का खेल चल रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पंचायत से लेकर जिला स्तर पर खेल-खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के साथ ही सरकार की पहुंच व पकड़ बनाने की महत्वकांक्षी योजना शुरू की, लेकिन मंत्रालय और अफसरों ने मिल कर उनकी योजना पर ग्रहण लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. मुख्यमंत्री आमंत्रण फुटबॉल प्रतियोगिता अब अपने अंतिम पड़ाव पर है, लेकिन अबतक खिलाड़ियों को न तो जर्सी उपलब्ध करायी जा सकी है और न किट. सरकार ने प्रतियोगिता के लिए समय पर पैसे भी उपलब्ध करा दिए थे, लेकिन कहीं अफसरों ने फाइल पर कुंडली मार दी, तो कही देर से जर्सी व किट खरीदारी की प्रक्रिया शुरू हुई, जो टेंडर के मक्कड़जाल में ही उलझ कर रह गयी. खिलाड़ी या तो पुरानी जर्सी पहन खेलते नजर आए या विपक्षी भाजपा के विधायकों द्वारा उपलब्ध करायी गयी नमो जर्सी पहने फुटबॉल पर किक लगाते नजर आए.
15 करोड़ आवंटित हुए, टेंडर प्रक्रिया में मक्कड़जाल में उलझा मामला
खेल-खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए झारखंड के सभी 24 जिलों में पंचायत से लेकर जोनल स्तर तक इस प्रतियोगिता का आयोजन करना था. इसमें भाग लेने वाली सभी टीमों में खिलाड़ियों को किट मुहैया कराने की जिम्मेवारी जिला खेल पदाधिकारी व जिला प्रशासन की थी. सभी जिलों में किट उपलब्ध कराने के लिए लगभग 15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. झारखंड की खेल निदेशक सरोजनी लकड़ा द्वारा सभी जिलों के खेल पदादिकारी को नवंबर के पहले सप्ताह में ही पैसा आवंटित कर दिया गया. यहां तक तो सब ठीक चल रहा था, लेकिन जब प्रतियोगिता शुरू हुई, तो नजारा कुछ और ही था. सभी पंचायत के खिलाड़ी पुराने जर्सी में नजर आ रहे थे और किट भी पुरानी थी. जब शुभम संदेश के टीम ने खोजबीन शुरू की, तो इससे जुड़ी लापरवाही की पोल एक- एक कर खुलने लगी. डीएसओ को जो फंड मिला था, उससे खिलाड़ियों के लिए किट-जर्सी खरीद कर बंटवाना था. किट लेने के लिए उन्हें जेम पोर्टल से टेंडर निकलवाना था और प्रक्रिया व मानक के अनुरूप किट की ख़रीदारी करनी थी. लेकिन प्रतियोगिता अंतिम चरण में पहुंच गयी, पर 90 फीसदी जिलों में अब तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. जिन जिलों में टेंडर हुआ भी, वहां किट बांटा नहीं जा सका.
स्थानीय कंपनियों ने हाथ खड़े किए, बाहरी ने हामी तो भरी, लेकिन…
किट व जर्सी अपूर्ति करने के मामले में स्थानीय कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिए. कुछ बाहरी कंपनियां तैयार तो हुईं, लेकिन किट व जर्सी की सप्लाई समय पर नहीं हो सकी. मंत्रालय स्तर पर प्रतियोगिता के लिए किट उपलब्ध कराने के लिए फंड दिए गए. लेकिन इसके साथ ही किट खरीदारी को लेकर खींचतान शुरू हो गई. विवादों से बचने के लिए खेल निदेशक ने जिला खेल पदाधिकारियों को फंड आवंटित कर किट खरीदने की जिम्मेवारी सौंप दी. लेकिन जिला प्रशासन के अफसरों की लेटलतीफी से टेंडर प्रक्रिया नियमों में उलझी रह गयी. कुछ जगहों पर टेंडर तो हुआ, लेकिन किट की सप्लाई समय पर नहीं हो सकी.
सरकार की ओर से जारी रेट
320 रुपये – टी शर्ट -पैंट
1100 रुपये – जूते
80 रु – मोजा
80 रु – शिन गार्ड
800 रु – ग्लब्स
खेल पदाधिकारियों के अलग-अलग तर्क
सरकार द्वारा जारी दर के मुताबिक ही टेंडर फाइनल करना था. इस मामले में जब कुछ जिला के डीएसओ से बात की गयी, तो सबने अपना पल्ला झड़ते हुए पोर्टल की प्रक्रिया और टेक्निकल बिड में हुई देरी का बहाना बनाया.
गुमला की डीएसओ कुमारी हेमलता बून ने रीटेंडर (दोबारा टेंडर) की बात बतायी. बताया कि पहली बार हुए टेंडर में जिस कंपनी को फाइनल किया गया था, उसके सामान की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी. इस वजह से 10 दिसंबर को दोबारा टेंडर करवाना पड़ा. साथ ही कहा कि प्रयास किया जा रहा है प्रखंड स्तरीय मुकाबले से पहले किट का वितरण कर दिया जाए.
रांची में बिना किट के जिला स्तरीय प्रतियोगिता शुरू
डीएसओ संजीत कुमार ने बताया टेंडर की प्रक्रिया चल रही है. 2 दिसंबर को पहले टेंडर के अनुसार टेक्निकल बिड खोला गया, तो उस कंपनी के सामान लो क्वालिटी के थे. इस वजह से 4 दिसंबर को दोबारा टेंडर करवाया गया है, जो 15 दिसंबर को खुलेगा. बता दें की सोमवार से जिला स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता शुरू हो चुकी है और खिलाड़ी पुरानी जर्सी की पहन कर खेल रहे हैं. डीएसओ के मुताबिक, जोनल मैच से पहले किट बांट दिए जाएंगे. रांची को लगभग 57 लाख रुपये आवंटित हुए हैं, जिसका इस्तेमाल किट खरीदारी में करना है.
रामगढ़ की डीएसओ रूपा रानी तिर्की से बात करने पर पता चला वहां 39 लाख रुपये आवंटित हुए हैं और टेंडर प्रक्रिया चल रही है. बताया कि जल्द ही टेंडर फाइनल हो जाने की उम्मीद है. खिलाड़ियों को किट मिल जाएगी. बात करने पर पता चला वहां पुरुष और महिला मिलाकर 141 टीमें हैं, जिनके बीच किट का वितरण करना है.
चाईबासा में जोनल मकाबले से पहले बंटेंगे किट
चाईबासा के डीएसओ राजेश कुमार चौधरी ने बताया अभी प्रखंड स्तर के मुकाबले हो चुके हैं और कल से सभी खिलाड़ियों को किट बांटा जाएगा. उन्होंने बताया कि18 दिसंबर से जोनल मुकाबले के खिलाड़ी किट में दिखेंगे. डीएसओ ने बताया यहां के 217 पंचायत के लिए 1 करोड़ से अधिक की राशि आवंटित हुई है.
हजारीबाग में फाइल मूवमेंट के चक्कर में फंसा मामला
हजारीबाग के डीएसओ उपवन बारा ने बताया 16 नवंबर को टेंडर की प्रक्रिया हो चुकी थी और फ़ाइल डीसी के पास बढ़ा दी गयी थी, लेकिन वहां से 25 नवंबर को फ़ाइल उन्हें मिली. फाइल बढ़ने-बढ़ाने के चक्कर में काफी विलंब हो गया और प्रतियोगिता की तिथि आ गई. समयाभाव में टेंडर नहीं हो सका और प्रतियोगिता शुरू हो गयी. ऐसी स्थिति में खिलाड़ियों के पास जो जर्सी और किट उपलब्ध थी, उसी का उन्होंने इस्तेमाल किया. हजारीबाग में 77.95 लाख का टेंडर होना था.
हमने तो समय पर जिलों में पैसे भेज दिए थे : लकड़ा
झारखंड की खेल निदेशक सरोजिनी लकड़ा ने बताया समय पर पैसे सभी जिलों के डीएसओ को आवंटित कर दिए गए थे. किट नहीं बांटे जाने के सवाल पर कहा डीएसओ को पंचायत स्तर पर रिपोर्ट देने को बोल दिया गया है. साथ ही 15 दिसंबर तक प्रखंड और 23 दिसंबर तक जोनल स्तर पर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.