- अगर उपायुक्त आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट देंगे, तब होगी कार्रवाई : सचिव
- केंद्र या राज्य के मंत्री सरकारी कार्यक्रम से कहीं भी आ-जा सकते हैं
Ranchi : झारखंड में केंद्रीय मंत्रियों के दौरे पर रोक नहीं लगेगी. राज्य निर्वाचन आयोग केंद्रीय मंत्रियों के सरकारी दौरे को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं मानता. अगर मंत्री सरकारी दौरे के क्रम में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पंचायत चुनाव का प्रचार करेंगे, तो उसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. केंद्रीय मंत्रियों के दौरे के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है या नहीं, आयोग ने फिलहाल इसकी जिम्मेदारी डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को देने का फैसला किया है. अगर आचार संहिता का उल्लंघन होता है, तो डीसी उपयुक्त प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्रवाई करेंगे. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने कहा कि केंद्र या राज्य के मंत्री सरकारी कार्यक्रम से कहीं भी आ-जा सकते हैं. जिलाधिकारी अगर आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट देते हैं, तब कार्रवाई होगी.
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जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी ने केंद्रीय मंत्रियों का दौरा रोकने की मांग की है
गौरतलब है कि बीजेपी के 19 केंद्रीय मंत्रियों का राज्य के 19 आकांक्षी जिलों में दौरा प्रस्तावित है. इसे लेकर कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी ने 16 अप्रैल को राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा कि मंत्रियों का दौरा पंचायत चुनाव को प्रभावित कर सकता है, इसलिए मंत्रियों के दौरे पर रोक लगायी जाए.
बीजेपी का आरोप- आचार संहिता के बहाने मंत्रियों का दौरा टलवाने की कोशिश
वहीं बीजेपी का कहना है कि केंद्रीय मंत्रियों के झारखंड दौरे पर प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि राज्य सरकार भारत के संघीय ढांचे पर प्रहार कर रही है. राज्य सरकार के पदाधिकारी विभागीय कार्यों की समीक्षा होने से कतरा रहे हैं. उनमें भय और दहशत है. इसलिए आदर्श आचार संहिता का बहाना ढूंढकर केंद्रीय मंत्रियों के झारखंड दौरे को टलवाने की कोशिश कर रहे हैं.
अन्नपूर्णा देवी को राज्य अतिथि का दर्जा देने से जताई गई असमर्थता
बता दें कि दो दिनों के झारखंड दौरे पर आयीं केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी को राज्य सरकार ने राज्य अतिथि का दर्जा देने में असमर्थता जतायी थी. उन्हें 17 व 18 अप्रैल को राज्य के तीन आकांक्षी जिला गिरिडीह, दुमका और धनबाद का दौरा करना था और केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा करनी थी. लेकिन, झारखंड सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर जारी आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए उन्हें राज्य अतिथि का प्रोटोकॉल देने से इंकार कर दिया.
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