Lahore : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लाहौर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. चुनाव आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन करने और श्रीनगर हाईवे को ब्लॉक करने के आरोप में इमरान खान को सुरक्षात्मक जमानत दे दी गई है. जमानत याचिका की सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति तारिक सलीम शेख द्वारा इमरान खान को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था. इमरान खान को कई नोटिस दिए जाने के बाद, पीटीआई अध्यक्ष आखिरकार ह्वील चेयर पर अदालत के सामने दो अलग-अलग सुनवाई में पेश हुए. मालूम हो कि इमरान खान की गिरफ्तारी के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया था. पूर्व पीएम पर आरोप था कि उनके सहयोगियों ने विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन करके विदेशी हासिल की थी. इमरान की पार्टी के खिलाफ विदेशी फंडिंग का मामला 2014 का है.
तीन मार्च तक गिरफ्तारी पर रोक
इस दौरान, अदालत परिसर के अंदर नाटकीय दृश्य देखने को मिला, जहां अपने नेता के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए खान के सैकड़ों समर्थक उमड़ पड़े थे. अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति अली बकर नजाफी की अध्यक्षता में उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने खान को तीन मार्च तक के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने संबंधी जमानत दे दी. इसके साथ ही पुलिस एवं किसी अन्य एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक दिया है. जमानत नामंजूर होने की स्थिति में संघीय गठबंधन सरकार के निर्देश पर खान को गिरफ्तार करने के लिए अदालत परिसर में संघीय जांच एजेंसी और पुलिस की एक टीम मौजूद थी. पिछले साल नवंबर में पंजाब प्रांत में एक रैली के दौरान हुए हमले में उनके पैर में गोली लगने के बाद अदालत में वह पहली बार पेश हुए. इस्लामाबाद स्थित एक आतंकवाद रोधी अदालत ने पिछले हफ्ते मामले में उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था.
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