NewDelhi : महंगाई के मार्चे पर राहत भरी खबर है. जनवरी माह में थोक महंगाई दर यानी होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) घटकर 0.27 फीसदी पर आ गयी है. दिसंबर में थोक महंगाई दर 0.73 प्रतिशत रही थी. वहीं पिछले साल की समान समयावधि में महंगाई दर 4.8 प्रतिशत रही थी. खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी की वजह से जनवरी माह में थोक महंगाई दर घटी है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.
खाद्य सामग्री की महंगाई दर 6.85 प्रतिशत रही
आकंड़ों के अनुसार, जनवरी माह में खाद्य सामग्री की महंगाई दर 6.85 प्रतिशत रही, जो दिसंबर 2023 में 9.38 प्रतिशत थी. जनवरी में सब्जियों की महंगाई दर 19.71 प्रतिशत रही, जो दिसंबर 2023 में 26.3 प्रतिशत रही थी. वहीं दालों में 16.06 प्रतिशत और फलों में थोक मुद्रास्फीति 1.01 प्रतिशत रही.
रिटेल महंगाई दर भी घटकर 5.1% पर पहुंची
सरकार ने इससे पहले 12 फरवरी को रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी किये थे. भारत की रिटेल महंगाई दर जनवरी में घटकर 5.1% पर आ गयी है. यह तीन महीने का सबसे निचला स्तर है. इससे पहले दिसंबर 2023 में महंगाई 5.69% रही थी. वहीं नवंबर में 5.55%, अक्टूबर में 4.87% और सिंतबर में महंगाई दर 5.02% रही थी.
महंगाई निगेटिव में रहना इकोनॉमी के लिए सही नहीं
थोक महंगाई दर निगेटिव रहने से इसका इकोनॉमी पर प्रभाव पड़ता है. इसे डिफ्लेशन कहा जाता है. निगेटिव महंगाई तब होती है, जब वस्तुओं की आपूर्ति, मांग से ज्यादा हो जाती है. इससे दाम गिर जाते हैं और कंपनियों का प्रॉफिट घट जाता है. प्रॉफिट घटता है तो कंपनियां वर्कर्स को निकलाती हैं और अपने कुछ प्लांट या स्टोर भी बंद कर देती है.