Ranchi: झारखण्ड हाईकोर्ट में रेमडेसिवीर कालाबाज़ारी मामले में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जब एसपी ने खुद रेमडेसिवीर खरीदी, तो क्या वो आरोपी को संरक्षण नहीं दे रहे थे? क्यों नहीं माना जाए कि वो भी संलिप्त हैं ? कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि समाजसेवा के लिये भी कालाबाजारी करना कालाबाजारी का समर्थन करना है.
एसपी ने पुलिस पदाधिकारी होते हुए भी कम्प्लेन नहीं की. प्राइवेट अस्पताल को बचाना है इसलिए रिम्स की तरफ जांच मोड़ दिया गया है. राज्य सरकार के द्वारा अदालत के समक्ष अब तक की जांच से संबंधित प्रोग्रेस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी गई. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि प्रोग्रेस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई की जाएगी.
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बता दें कि झारखंड में रेमडेसिवीर एवं अन्य महत्वपूर्ण दवाइयों की कालाबाजारी की खबरों पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. इस मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर सुनवाई की जा रही है. झारखण्ड हाईकोर्ट लगातार इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है और इस मामले में सुनवाई के दौरान अदालत में कई बार नाराजगी जाहिर की है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मामले की सुनवाई हुई.
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